BJP की प्रचार सामग्री बनाने के लिए UPL के खिलाफ FIR दर्ज

कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

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भारत
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चुनाव आयोग के छापे में बरामद किया गया बीजेपी का पैम्फलेट
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चुनाव आयोग के छापे में बरामद किया गया बीजेपी का पैम्फलेट
(फोटोः The Quint)

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मुंबई पुलिस ने मंगलवार, 17 अप्रैल को चुनाव आयोग की मंजूरी के बिना बीजेपी के लिए इलेक्ट्रॉनिक पोल प्रचार सामग्री तैयार करने के लिए एग्रो-केमिकल मेन्यूफेक्चरर यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड (UPL) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग की ओर से ये एफआईआर नॉर्थ-वेस्ट मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है. इस एफआईआर में यूपीएल के डायरेक्टरों में से एक राजू श्रॉफ का नाम भी शामिल है.

यूपीएल के दफ्तर पर चुनाव आयोग ने मारा था छापा

पिछले मंगलवार को चुनाव आयोग की टीम ने प्रदेश कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत और अन्य लोगों के साथ खार क्षेत्र में यूपीएल दफ्तर की तलाशी ली थी. इस दौरान कथित तौर पर पाया गया कि वहां बीजेपी की प्रचार सामग्री तैयार की जा रही थी.

चुनाव आयोग के छापे में बरामद किया गया बीजेपी का पैम्फलेट(फोटोः The Quint)

चुनाव आयोग ने इस दौरान 6 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जब्त किए थे और बाद में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दफ्तर को सील कर दिया था.

छापे के दौरान, चुनाव आयोग की टीम ने डिफेंस एयरक्राफ्ट, आर्मी, एयर फोर्स, सर्जिकल स्ट्राइक की तस्वीरें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों के ऑडियो क्लिप्स बरामद किए थे. इन ऑडियो क्लिप्स में लोगों से बीजेपी को वोट देने की अपील की गई थी.

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कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

सावंत ने कहा "चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक, सशस्त्र बलों का इस्तेमाल चुनाव उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है. लेकिन यहां, बीजेपी चुनाव आयोग की मंजूरी के बिना वितरण के लिए लाखों ई-पैम्फलेट बनाने में लगी हुई थी. जाहिर है कि इन चुनावों में चुनाव आयोग के सामने पेश किए जाने वाले खर्च में इसका कोई हिसाब नहीं होगा.”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कम उम्र के बच्चों को ई-पैम्फलेट पर इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच की मांग करते हुए, सावंत ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि जब कारखाना चल रहा था, तो कितने ई-पैंम्फलेट का बनाए गए और मतदाताओं के बीच बांटने के लिए भेजे गए.

रेड में बरामद की गई प्रचार सामग्री पर पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीरें थीं(फोटोः The Quint)

देवनार डंपिंग ग्राउंड के लिए दिया गया था ठेका, बन रही थी बीजेपी की प्रचार सामग्री

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से यह भी जांच करने का आग्रह किया है कि क्या इस तरह के और भी कारखाने मुंबई या महाराष्ट्र में चल रहे हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को देवनार डंपिंग ग्राउंड के लिए ठेका दिया गया था, वही कंपनी बीजेपी के लिए प्रचार सामग्री बना रही थी.

उन्होंने कहा, "इसके जहरीले कीटनाशकों से विदर्भ में पिछले दो सालों में लगभग 40 किसानों की मौत हुई है और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां 700 से ज्यादा हैं. यह चौंकाने वाली बात है कि बीजेपी सरकार ने इस मामले की जांच की और यूपीएल को क्लीन चिट दे दी."

रेड के बाद यूपीएल दफ्तर को सील करते चुनाव आयोग के अधिकारी(फोटोः The Quint)

उन्होंने कहा, "बीजेपी और सांसद संजय काकड़े के साथ कंपनी के संबंधों के अन्य पहलुओं की सीबीआई जांच होनी चाहिए."

कांग्रेस ने यह भी दावा किया था कि मंत्री पीयूष गोयल के भाई प्रदीप गोयल, मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएल के एक स्वतंत्र निदेशक हैं.

(मुंबई मिरर और आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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