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गोभी, मूली, पालक समेत अन्य मौसमी शाक-सब्जियों की आवक बढ़ने से कीमतों में नरमी आई है, लेकिन आलू और प्याज की महंगाई से उपभोक्ताओं को अब तक राहत नहीं मिली है. आलू और प्याज की महंगाई से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है, क्योंकि देर से हुई बारिश के चलते देश के कई हिस्सों में नई फसल लगने में विलंब हो गया है.
देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में आलू का थोक भाव गुरुवार को 20 से 44 रुपये प्रति किलो जबकि मॉडल रेट 30 रुपये प्रति किलो था. पिछले साल 29 अक्टूबर को आजादपुर मंडी में आलू का थोक भाव छह रुपये से 28 रुपये जबकि मॉडल रेट 15.25 रुपये प्रति किलो था. वहीं, आलू का खुदरा भाव 50 रुपये प्रति किलो चल रहा है.
फूल गोभी जहां दो हफ्ते पहले 120 रुपये प्रति किलो था वहां अब 50-60 रुपये किलो पर आ गया है. इसी तरह, मूली 50 रुपये किलो से घटकर 30 रुपये, टमाटर 80 रुपये से घटकर 60 रुपये किलो और शिमला मिर्च 120 रुपये से घटकर 80 रुपये किलो मिलने लगे हैं.
हालांकि, प्याज की महंगाई ने उपभोक्ताओं का जायका बिगाड़ दिया है. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद, प्याज के दाम आसमान चढ़े हुए हैं. कारोबारी बताते हैं कि विदेशों से जो प्याज आ रहा है वो भी 40 रुपये से उंचे भाव पर आ रहा है, लिहाजा प्याज उपभोक्ताओं को ऊंचे भाव पर मिल रही है.
दिल्ली-एनसीआर में 29 अक्टूबर को सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो) : आलू 50-55, प्याज 60-80, टमाटर 60, फूलगोभी-60, बंदगोभी 70, लौकी/घीया-40, तोरई-40, भिंडी-40, खीरा 40, कद्दू-40, बैंगन-60, शिमला मिर्च-80, पालक-30, करेला-50, परवल 60, कच्चा पपीता-40, कच्चा केला-40, हरी मिर्च-150, धनिया पत्ता-200.
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