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मुंबई में एक लॉटरी के माध्यम से सैंकड़ों महिलाओं को शहर की सड़कों पर ऑटो चलाने का परमिट दिया गया है. इसके पीछे मुख्य वजह है अधिक से अधिक महिलाओं को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करना.
“इस सप्ताह मुंबई शहर के लिए कम से कम 467 और उत्तरी महाराष्ट्र की करीब 100 महिलाओं को ऑटो चलाने की अनुमति दी गई. ये महिलाएं अगले दो महीनों पर अपने वाहन के साथ सड़कों पर नजर आने लगेंगी,” असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी राजेंद्र नवाले ने बताया.
यौन शोषण की घटनाओं के चलते दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में महिलाओं के लिए अलग रेलवे कोच आदि की व्यवस्था आम है.
महिलाओं के सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था एवं उनके आर्थिक सशक्तीकरण व काम करने और पढ़ने के बीच के संबंध को कई स्टडीज ने रेखांकित किया है. वर्ष 2012 में दिल्ली के निर्भया गैंग रेप केस के बाद भारत की यातायात व्यवस्था में महिला सुरक्षा का मुद्दा एक बड़े मुद्दे के तौर पर सामने आया था.
थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के 2014 के एक सर्वे ने विश्व के 16 शहरों में से दिल्ली को महिला यात्रियों के लिए सबसे असुरक्षित करार दिया था.
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