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"पत्रकारों के खिलाफ कानून को हथियार न बनाएं", प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई पर DIGIPUB

Prabir Purkayastha SC Verdict: DIGIPUB ने बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>न्यूजक्लिक  के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को SC ने रिहा करने का दिया आदेश, DIGIPUB ने बयान जारी कर क्या कहा?</p></div>
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न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को SC ने रिहा करने का दिया आदेश, DIGIPUB ने बयान जारी कर क्या कहा?

फोटो- क्विंट हिंदी

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न्यूजक्लिक (Newsclick) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने अवैध करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने बेल की शर्तें पूरी करने के बाद उन्हें रिहा करने के आदेश दिए हैं.

जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं. अदालत ने पूछा है कि प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के वक्त पर उन्हें गिरफ्तार किए जाने का आधार नहीं बताया गया इसलिए ये गिरफ्तारी निरस्त की जाती है. अदालत ने कहा है कि पुरकायस्थ को रिहा किया जाना चाहिए.

प्रबीर पुरकायस्थ के वकीलों ने अदालत में गिरफ्तारी के आधार को लिखित में न दिए जाने को लेकर चुनौती दी थी. जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि यूएपीए मामले में लिखित जानकारी देना अनिवार्य नहीं है.

DIGIPUB न्यूज इंडिया फाउंडेशन ने फैसले का किया स्वागत

प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर DIGIPUB न्यूज इंडिया फाउंडेशन ने बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

बयान में कहा गया, "DIGIPUB सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले का स्वागत करता है कि न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड अवैध है और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए."

DIGIPUB ने कहा, "अक्टूबर 2023 में गिरफ्तारी के बाद रिमांड आदेश पारित करने से पहले प्रबीर को रिमांड एप्लीकेशन की कॉपी नहीं दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रबीर को उसके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में दिल्ली पुलिस की 'जल्दबाजी' से हैरान है."

DIGIPUB ने कहा, "हम न्यूजक्लिक के खिलाफ पुलिस और एजेंसी की कार्रवाई की लगातार निंदा करते रहे हैं, जहां पत्रकारों से पूछताछ की गई, उनके उपकरणों को जब्त कर लिया गया और उनके घरों पर छापे मारे गए. इसी तरह पिछले साल प्रबीर की गिरफ्तारी हुई. लोकतंत्र में कोई सरकार स्वतंत्र प्रेस के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को इस्तेमाल नहीं कर सकती, खासकर उचित प्रक्रिया के अभाव में. पत्रकारों के खिलाफ कानून को हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए, जिससे उनके जीवन, स्वतंत्रता और आजीविका को जोखिम में डाला जा सके."

"हम खुश और आभारी हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार हस्तक्षेप किया है. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह उन मीडिया घरानों के खिलाफ जानबूझकर और उन्हें दबाने के लिए की जा रही कोशिशों में सावधानी और संयम बरते, जिनसे वह (सरकार) सहमत नहीं हैं. हमें उम्मीद है कि प्रबीर को तुरंत रिहा कर दिया जाएगा और कानून के अनुसार निष्पक्ष सुनवाई होगी."
DIGIPUB न्यूज इंडिया फाउंडेशन
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प्रबीर पुरकायस्थ की किन आरोपों में हुई थी गिरफ्तारी?

साल 2023 में न्यूज़क्लिक के कई पत्रकारों के घर पर छापेमारी की गई थी. तब न्यूजक्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ, पत्रकार अभिसार शर्मा समेत कई लोगों के घरों पर छापा पड़ा था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी कर ली थी.

इनकी गिरफ्तारी के कुछ वक्त पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने न्यूज़क्लिक के फंडिंग को लेकर एक रिपोर्ट छापा था. इस रिपोर्ट में आरोप लगाए थे कि न्यूजक्लिक की फंडिंग चीन से होती है.

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