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प्रकाश जावड़ेकर पिछली मोदी सरकार में पर्यावरण मंत्री थे. इस बार की मोदी सरकार में वह सूचना और प्रसारण मंत्रालय की बागडोर संभालेंगे. मोदी के विश्वासपात्र जावड़ेकर ने अपने पिछले कार्यकाल में अच्छा काम किया था और इस बार उन्हें इसका ईनाम मिला. चुनाव के दौरान उन्हें राजस्थान का पार्टी का प्रभारी बनाया गया था. और यहां बीजेपी ने सभी 25 सीटें जीती. माना जा रहा है कि जावड़ेकर को सूचना-प्रसारण मंत्रालय दिलाने में इसका भी हाथ रहा है.
पिछली मोदी सरकार में जावड़ेकर ने पहले जूनियर मिनिस्टर के तौर पर पार्लियामेंट्री अफेयर्स, सूचना-प्रसारण और फिर बाद में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का जिम्मा संभाला. सूचना-प्रसारण और पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार उनके पास था. इस दौरान उन्होंने पीएम का भरोसा जीता और उन्हें मानव संसाधन विकास जैसा अहम मंत्रालय दिया गया.
इससे पहले पार्टी में रहते हुए वह बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे. महाराष्ट्र में भी वह पार्टी के प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल चुके थे. जावड़ेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच कड़ी माने जाते हैं. राजस्थान में बीजेपी को लोकसभा में 25 में से 25 सीटें मिलने का श्रेय भी जावड़ेकर को दिया जा रहा है. राजस्थान में बीजेपी को सभी 25 सीटें मिलीं जिनके पीछे प्रकाश जावड़ेकर का भी हाथ है. चुनाव के दौरान उन्हें वह राजस्थान के प्रभारी बनाए गए थे. वह हनुमान बेनीवाल और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जैसे नेताओं को बीजेपी में लाने में सफल रहे.
पुणे में पैदा हुए जावड़ेकर बैचलर ऑफ कॉमर्स हैं. वह छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए थे. इमरजेंसी में सक्रियता के कारण वह 16 महीनों तक जेल में रहे. भारतीय जनता युवा मोर्चा में काम करने के बाद बीजेपी में शामिल हुए. वह महाराष्ट्र में दो बार एमएलसी थे और बाद में राज्यसभा में पहुंचे. पूरी तरह राजनीति में आने से पहले उन्होंने बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में दस साल तक काम किया था. महाराष्ट्र बैंक में वह ग्रामीण विकास विभाग, सिक यूनिट सेल और बैंक के रोजगार संवर्धन प्रोगाम डिपार्टमेंट में काम कर चुके थे.
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