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भारत के पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी का पिछले साल ब्रेन सर्जरी के बाद निधन हो गया था. आखिरी समय में उन्होंने अपने संस्मरण को पूरा किया था. अब उनकी लिखी किताब ‘द प्रेजिडेंशियल ईयर्स’ के कुछ अंशों के सामने आने के बाद हर तरफ चर्चा भी शुरू हो गई है. किताब में बीजेपी से लेकर कांग्रेस के बारे में बात की गई है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने अच्छे संबंधों की चर्चा तो की ही है. साथ ही मोदी को असहमति की आवाज सुनने की सलाह भी दी गई है.
हालांकि, उनकी किताब में सबसे चौंकाने वाला जिक्र है कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में, जिन पर प्रणब ने कुछ खराब फैसले लेने का आरोप लगाया है.
पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी का मानना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को असहमति की आवाज सुननी चाहिए और विपक्ष को समझाने तथा देश को अवगत कराने के लिए एक मंच के रूप में उपयोग करते हुए संसद में अक्सर बोलना चाहिए. मुखर्जी के मुताबिक संसद में प्रधानमंत्री की उपस्थिति मात्र से इस संस्था के कामकाज पर बहुत फर्क पड़ता है.
दिवंगत मुखर्जी ने अपने संस्मरण ‘द प्रेसिडेंसियल ईयर्स, 2012-2017' में कई बातों का उल्लेख किया है. उन्होंने यह पुस्तक पिछले साल अपने निधन से पहले लिखी थी. किताब में प्रणब मुखर्जी ने ल
मुखर्जी अपनी किताब में कहते हैं कि मोदी विदेशी नेताओं के साथ 'बहुत ज्यादा व्यक्तिगत समीकरणों 'को निभाते हैं. और ऐसे रिश्तों को सच मान लेना थोड़ा बेतुका है. उदाहरण के लिए, वे कहते हैं, 'मोदी के पीएम बनने के बाद से भारत और जापान दोस्त बन गए हैं'. 2014 से पहले भी जापान के साथ हमारे अच्छे संबंध रहे हैं, और शिंजो आबे मोदी के पीएम बनने से पहले भारत आए थे.
मुखर्जी ने अपनी किताब में सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर नोटबंदी तक का जिक्र किया है. मुखर्जी कहते हैं कि सीमा पार भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान की लगातार आक्रामकता के जवाब में सामान्य सैन्य अभियान था. वह कहते हैं, "वास्तव में उन्हें प्रचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं थी" इसपर मुखर्जी तर्क देते हैं हुए लिखते हैं कि "हमें इन कार्यों पर अधिक बात करने से कुछ नहीं मिला."
तो वहीं 2014 में मिली कांग्रेस को करारी हार पर भी मुखर्जी ने अपनी कीताब में लिखा है कि उस दौरान पार्टी की हार की एक मुख्य वजह यह थी कि वह लोगों की उम्मीद और आकांक्षाएं पूरी करने में कांग्रेस असफल रही थी. मुखर्जी ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की राजनीति अनुभवहीनता और घमंड ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया.
मुखर्जी ने संस्मरण में लिखा,
इसके अलावा प्रणब मुखर्जी ने 2015 के गणतंत्र दिवस की परेड में बतौर मुख्य अतिथि आए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है. मुखर्जी ने अपनी किताब ‘द प्रसिडेंशियल ईयर्स’ में लिखा है कि 2015 में बराक ओबामा के भारत दौरे के वक्त अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने ये शर्त रख दी थी कि बराक ओबामा गणतंत्रता दिवस की परेड में बतौर चीफ गेस्ट, राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की गाड़ी में नहीं बल्कि अमेरिका से खास भारत लाई गई उनकी खास कार बीस्ट में हीं जाएंगे.
मगर प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में बताया है कि जब ये बात उन्हें बताई गई थी तब उन्होंने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से साफ कह दिया था कि ऐसा नहीं हो सकता और बराक ओबामा को भारत के राष्ट्रपति की ही गाड़ी में बतौर राष्ट्रपति, राष्ट्रपति भवन से राजपथ तक चलना चाहिए.
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