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ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंकाओं संबंधी खबरों पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चिंता जताई है. मुखर्जी ने बयान जारी कर कहा है कि जनादेश के साथ कथित छेड़छाड़ चिंताजनक है. उन्होंने लिखा, मैं जनता के दिए फैसले के साथ छेड़छाड़ की खबरों से काफी चिंतित हूं. ईवीएम की सेफ्टी और सिक्योरिटी की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है.
ईवीएम विवाद पर चिंता जताते हुए मुखर्जी ने कहा है-
प्रणब मुखर्जी ने लिखा है, ''कोई संस्था कैसे काम करती है, यह फैसला वहां काम करने वालों का होता है. इस मामले में संस्थागत विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग पर है. उन्हें ऐसा करना चाहिए और इस तरह की सारी अटकलों पर विराम लगाना चाहिए.''
इससे पहले प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर चुनाव आयोग की तारीफ की थी.
मुखर्जी ने एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा कि पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के समय से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों तक संस्थान ने बहुत अच्छे से काम किया है. उन्होंने कहा कि कार्यपालिका तीनों आयुक्तों को नियुक्त करती है और वे अपना काम अच्छे से कर रहे हैं.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ''आप उनकी आलोचना नहीं कर सकते हैं, यह चुनाव का सही रवैया है.'' मुखर्जी ने कहा, ''अगर लोकतंत्र सफल हुआ है, तो यह मुख्य तौर पर सुकुमार सेन से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों के अच्छे से चुनाव आयोजित कराने की वजह से हुआ है.'' बता दें कि राष्ट्रपति चुने जाने से पहले मुखर्जी कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे थे.
चुनाव आयोग को लेकर मुखर्जी के बयान से एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि आयोग अब निष्पक्ष या सम्मानित नहीं रह गया है. इसके साथ ही उन्होंने आयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया था.
राहुल के साथ-साथ टीएमसी चीफ ममता बनर्जी और टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू सहित कई विपक्षी नेता पिछले कुछ समय में चुनाव आयोग पर बीजेपी के प्रति झुकाव रखने का आरोप लगाते रहे हैं.
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