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आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए प्रणब मुखर्जी की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस फर्जी फोटो में आरएसएस प्रार्थना के वक्त प्रणब को संघ के ट्रेडिशनल तरीके (खड़े होकर सीधा हाथ छाती पर रखकर) में खड़ा हुआ दिखाया जा रहा है, साथ ही वो आरएसएस की टोपी पहने भी नजर आ रहे हैं. फर्जी फोटो के सुर्खियों में आने के बाद संघ ने बयान जारी कर इसे कुछ 'बांटने वाली राजनीतिक' तत्वों की करतूत बताया है. बयान में कहा गया है कि ये वही लोग हैं जो प्रणब मुखर्जी को समारोह में हिस्सा लेने का विरोध कर रहे थे.
दरअसल, गुरूवार को जब आरएसएस के कार्यक्रम के दौरान आरएसएस की प्रार्थना बोली गई तो मंच पर बैठे सभी लोगों ने आरएसएस के ट्रेडिशनल तरीके(खड़े होकर सीधा हाथ छाती पर रखकर) से RSS वाले झंडे को सलामी दी लेकिन उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सिर्फ सीधे खड़े रहे.
उन्होंने ना छाती पर हाथ रखा और न ही गर्दन नीचे की. वो सावधान की अवस्था में खड़े रहे लेकिन पिछले 12 घटों में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तैर रही है कि प्रणब दादा ने वहां जाकर न सिर्फ आरएसएस की टोपी पहनी बल्कि उनके ट्रेडिशनल स्टाइल में आरएसएस की प्रार्थना भी की और
आरएसएस के झंडे को सैल्यूट किया.
ऐसे में सोशल मीडिया पर लगातार एक खास विचारधारा के लोग इस तस्वीर को शेयर करते रहे और इसे बीजेपी-आरएसएस की जीत बताने लगे.
प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेसी नेता शमिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जिस बात का उन्हें डर था, वही हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि जिसका डर था, भाजपा/आरएसएस के 'डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट' ने वही किया.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ की गई तस्वीरों में ऐसा नजर आ रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति संघ नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरह अभिवादन कर रहे हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का विरोध किया था और कल ट्विटर पर अपने पोस्ट के जरिये उन्होंने अपनी नाखुशी भी जाहिर की थी.
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