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प्रयागराज शहर (Prayagraj) में प्रतिष्ठित स्कूलों के बाहर हुए बमबाजी की कई घटनाओं का खुलासा करते हुए स्थानीय पुलिस ने दावा किया है कि इसके पीछे इन स्कूलों के कुछ छात्रों का ही हाथ है. यह छात्र Instagram पर कई ग्रुपों के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे और इनका उपयोग एकत्रित होकर योजनाबद्ध तरीके से मारपीट में बम बाजी की घटनाओं कार्य करने के लिए करते थे.
बीते दिनों स्कूल के बाहर हुई आधा दर्जन से ज्यादा बमबाजी की घटनाओं की जांच कर रही पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि शहर के कई नामी स्कूल जिनमें बॉयज हाई स्कूल (BHS) और बिशप जॉनसन स्कूल (BJS) शामिल है.
इनके छात्रों द्वारा इंस्टाग्राम पर ग्रुप बनाकर बमबाजी की घटनाओं को बड़े की सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था. इन घटनाओं के पीछे का कारण छात्रों में आपस की टशनबाजी और वर्चस्व की लड़ाई निकल कर सामने आई है.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लगभग डेढ़ साल पहले BHS और BJS के कुछ छात्रों द्वारा Immortals नाम से इंस्टाग्राम पर एक अलग ग्रुप बनाया गया था. इस ग्रुप में लगभग 40 सदस्य थे. ग्रुप के सदस्य अक्सर स्कूल की छुट्टी होने के बाद धोबी घाट चौराहा के निकट इक्ट्ठा होते थे और अपनी योजना बनाते थे.
किसी घटना के लिए एकत्रित होने के लिए इंस्टाग्राम मैसेज का प्रयोग किया जाता था. अपने ग्रुप का प्रभाव दर्शाने और विरोधी ग्रुप के लड़कों में दहशत पैदा करने के उद्देश्य से यह लड़के मारपीट या बमबाजी की घटना के दौरान वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड करते थे. कभी-कभी बमबाजी करते समय इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो भी बनाते थे.
ठीक इसी तरह BHS और BJS के छात्रों द्वारा एक और इंस्टाग्राम ग्रुप Tandav के नाम से संचालित किया जा रहा था. यह ग्रुप पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से सक्रिय है इस ग्रुप में प्रयागराज शहर के बैरहना, रामबाग, अल्लापुर, कीडगंज आदि के रहने वाले करीब 100 सदस्य हैं. विभिन्न रैलियों में लड़कों को एकत्रित कर उनके वीडियो बनाकर अपलोड करने और आपसी लड़ाई में एकजुट होकर मारपीट करने और बम बाजी करने की घटनाएं इनके द्वारा की जाती हैं.
प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे ने अपने वक्तव्य में कहा, -
पुलिस ने यह भी बताया गया कि छात्रों द्वारा उपयोग में लाए गए क्रूड (देसी) बम के लिए सामान बाजार में बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाता है और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे की यूट्यूब पर वीडियो देख देख कर यह बम बनाना सीखते हैं.
टशन और वर्चस्व की लड़ाई में देसी बमों का इस्तेमाल प्रयागराज के लिए कुछ नया नहीं है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा इन देसी बमों का उपयोग अपनी निजी लड़ाइयों और राजनीतिक वर्चस्व स्थापित करने के लिए पिछले कई दशकों से किया जा रहा है. इन बमों को बनाने का कारोबार यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों के कमरों से चलता रहता है, जिसको लेकर स्थानीय पुलिस कई बार सक्रिय भी होती है, लेकिन इसे पूरी तरीके से खत्म नहीं कर पाया गया है.
इसी साल के जून महीने में प्रयागराज पुलिस ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के Holland Hall हॉस्टल के तीन कमरों से पांच संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके ऊपर हॉस्टल के कमरों से बम बनाने का आरोप लगा था. पुलिस ने अपने खुलासे में बताया था कि अवैध तरीके से हॉस्टल में रह रहे इन सभी आरोपियों द्वारा बम बनाने से लेकर घटना अंजाम देने तक की सभी प्लानिंग हॉस्टल के कमरों से की जाती थी.
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