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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सम्मान में आयोजित भोज में वैश्विक आतंकवाद पर अपनी राय रखी.
राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता ने राष्ट्रपति मुखर्जी के हवाले से कहा कि पिछले साल नवंबर में पेरिस में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर फ्रांसीसी राष्ट्रपति का नेतृत्व सराहनीय है.
राष्ट्रपति ने कहा कि इसलिए हमारे दोनों देशों को अब असहिष्णुता, उग्रवाद और आतंकवाद जैसी ताकतों से मुक्ति पाने के लिए सख्ती से लड़ना चाहिए.
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत और फ्रांस की रणनीतिक भागीदारी की बढ़ती हुई शक्ति दोनों देशों के दरमियान मजबूत आपसी विश्वास और समझ को दर्शाती है.
उन्होंने कहा, “सदियों से हमारी सभ्यताएं एक दूसरे के साथ संवाद करती रही हैं और हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आजादी और समानता का वायदा करने वाली जिस दुनिया में रहना चाहते हैं उसके साझा दृष्टिकोण से जुडी हैं, एक ऐसा विश्व जो बहुलवाद और लोकतंत्र का सम्मान करता है, ऐसा संसार जो सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रयास करता है, ये उनसे भी जुड़ी हैं.’’
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि समय की कसौटी पर खरी उतरने वाली हमारी दोस्ती आने वाले वर्षो में और मजबूत होगी क्योंकि इसकी नींव बहुत मजबूत है.
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