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दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने 70 टीमें बनाई हैं. जो जगह जगह जाकर नियमों को सख्त तरीके से लागू करने की निगरानी करेंगी.
देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से छह तो दिल्ली-एनसीआर के ही हैं. अब ऐसे में अगले कुछ दिन के लिए प्रदूषण से निपटने के लिए एक एक्शन प्लान लागू किया गया है. 1 नवंबर से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण कार्य बंद रहेंगे.
वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए विभिन्न एजेंसियों के करीब 44 संयुक्त दलों को गुरुवार से तैनात कर दिया गया है. दिल्ली सरकार ने यह जानकारी दी है. सरकार ने एक बयान में कहा कि इन दलों को वायु प्रदूषण फैलाने के जिम्मेदार लोगों के लिए दण्डात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.
दिल्ली की हवा में जहर कम नहीं हुआ तो प्राइवेट कारों पर पाबंदी लगाई जा सकती है. पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सबसे खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है और सरकार के पास प्राइवेट गाड़ियों पर पाबंदी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
हवा में जहरीला स्मॉग दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के बड़े इलाकों में फैल गया है. ठंडक बढ़ने से इसमें और बढ़ोतरी होती जा रही है. इसके अलावा हरियाणा और पंजाब के इलाकों में पराली जलाने से हवा में धूल के कण बहुत ज्यादा हो गए हैं.
पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल अथॉरिटी के चेयरमैन भूरेलाल ने कहा, “उम्मीद करिए कि दिल्ली में प्रदूषण के हालात और न बिगड़ें वरना इमरजेंसी जैसी स्थिति में हमें प्राइवेट ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बैन करना पड़ेगा." भूरेलाल ने बताया कि एक स्पेशल कमेटी ने उन्हें इस बात की सलाह दी है कि इमरजेंसी में तमाम प्राइवेट गाड़ियों को सड़क से हटाना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई EPCA (एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी) ने दिल्ली में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन पर पाबंदी लगाने को कहा है. इसके अलावा इन तीन चीजों को भी तुरंत बैन करने की सिफारिश की गई है.
मौसम विभाग पहले ही चेतावनी दे चुका है कि 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच पॉल्यूशन का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक जहरीले कणों का हवा में स्तर मंगलवार को 469 तक पहुंच गया है जो हफ्तेभर पहले 299.4 था.
हरियाणा और पंजाब में तमाम कोशिशों के बावजूद किसानों ने बड़े पैमाने पर अपने खेतों में पराली जलाई है जिसने गाड़ियों के धुएं के साथ मिलकर माहौल को बेहद खतरनाक बना दिया है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, 7 नवंबर को दिवाली में पटाखे फोड़े जाएंगे जिससे हालात और बिगड़ना तय है.
दिल्ली में इस वक्त इतनी धुंध छाई हुई है विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ये हर साल का रोना है. केंद्र सरकार के निकम्मेपन की कीमत दिल्ली को चुकानी पड़ रही है.
पंजाब और हरियाणा के किसान हर साल नवंबर में पराली जलाते हैं. इसे रोकने की कोशिश अभी तक कामयाब नहीं हुई है.
दिल्ली और एनसीआर में मंगलवार को वायु गुणवत्ता और ज्यादा बिगड़ गई है. विशेषज्ञों ने लोगों से घरों के भीतर भी किसी प्रकार की तेज शारीरिक गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी है. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 11 बजे 398 था, वहीं सोमवार को एक्यूआई 367 और रविवार को 366 प्वाइंट दर्ज किया गया था, जो कि 'अति खराब' की कैटेगरी में आता है. हालांकि यह सभी शहरों में अलग-अलग है.
गाजियाबाद में एक्यूआई 444 प्वाइंट एक्यूआई दर्ज किया गया, जो सोमवार से 14 प्वाइंट ऊपर था और यह भी 'अति खराब' की कैटेगरी में आता है. गुरुग्राम में 422 और नोएडा में 410 एक्यूआई दर्ज किया गया. आनंद विहार में एक्यूआई 450 दर्ज किया गया, जो स्वस्थ लोगों को प्रभावित करेगा और पहले से बीमार लोगों पर गंभीर प्रभाव डालेगा. इसी तरह रोहिणी में 451 और जहांगीरपुरी में 453 एक्यूआई दर्ज किया गया, जो पूरे एनसीआर में सबसे ज्यादा खराब है.
दिल्ली का पीएम2.5, 261 प्वाइंट जबकि पीएम10, 471 प्वाइंट था. वहीं दिल्ली एनसीआर में पीएम2.5, 254 और पीएम10, 458 प्वाइंट दर्ज किया गया.
---इनपुट भाषा और एजेंसी
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