Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अरुणाचल: PRC पर हिंसा,CM बोले भविष्य में भी नहीं उठाएंगे मुद्दा

अरुणाचल: PRC पर हिंसा,CM बोले भविष्य में भी नहीं उठाएंगे मुद्दा

प्रदर्शनकारी पीआरसी मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
ईटानगर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने कई कारें जला दी
i
ईटानगर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने कई कारें जला दी
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र (पीआरसी) को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पीआरसी बिल वापस ले लिया है. पेमा खांडू ने साफ किया कि भविष्य में भी उनकी सरकार यह मुद्दा कभी नहीं उठाएगी.

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पीआरसी को लेकर कहा, “मैं अरुणाचल प्रदेश के लोगों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि सरकार इस मुद्दे को भविष्य में भी नहीं उठाएगी, यह स्पष्ट संदेश है. 22 फरवरी की रात को मैंने मीडिया तथा सोशल मीडिया के जरिये साफ किया था कि सरकार इस मुद्दे पर आगे चर्चा नहीं करेगी, आज भी मुख्य सचिव की जरिए एक आदेश जारी किया गया है कि हम पीआरसी मामले पर आगे कार्यवाही नहीं करेंगे.”

क्यों प्रदर्शन ने हिंसक रूप लिया?

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में 6 आदिवासी समुदायों को परमानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट (पीआरसी) दिए जाने की सिफारिश के विरोध में कई लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन शनिवार को प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. इस दौरान कथित तौर पर पुलिस फायरिंग में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि 3 घायल हो गए. जिसके बाद रविवार को भीड़ ने उप-मुख्यमंत्री चाउना मेन के निजी आवास में तोड़फोड़ की.

साथ ही रविवार को ईटानगर के ईएसएस सेक्टर में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के निजी आवास पर हमला करने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों से लौट जाने की अपील की, लेकिन अपील को अनसुना करते हुए प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री के आवास की तरफ बढ़े और पत्थरबाजी करने लगे.

बताया जा रहा है कि इसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. शुक्रवार की रात कथित पुलिस फायरिंग में मारे गए एक दूसरे व्यक्ति का शव प्रदर्शनकारियों ने आईजी पार्क में रख दिया और कहा कि मृतकों के शव को तब तक नहीं दफनाया जाएगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है पीआरसी, जिसके लिए सड़कों पर उतर आए लोग?

अरुणाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने ज्वाइंट हाई पावर कमेटी (JHPC) बनाया था. इस कमिटी ने सरकार सिफारिश की थी कि छह समुदाय जो अरुणाचल प्रदेश में दशकों से रह रहे हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं हैं, उन्हें स्थायी निवासी प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए. छह समुदायों में देवरिस, सोनोवाल, कचरिस, मोरान, आदिवासी और मिशिंग शामिल हैं. ये समुदाय ज्यादातर नामसाई और चांगलांग जिलों में रहते हैं.

इस मामले पर सीएम पेमा खांडू ने कहा, ''मैंने कमिश्नर स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है. जनता के सामने सच का आना जरूरी है.''

अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव सत्य गोपाल ने कहा, ‘’नामसाई और चांगलांग जिलों के गैर-एपीएसटी (अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजातियों) को पीआरसी दिए जाने से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पीआरसी देने को लेकर आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा.’’

क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?

प्रदर्शनकारी पीआरसी मुद्दे के स्थायी समाधान, मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे, प्रदर्शनकारियों (करीब 40) की बिना शर्त रिहाई और मुख्य सचिव एवं अन्य के तत्काल ट्रांसफर की मांग कर रहे हैं.

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अरुणाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन के निजी आवास को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया, जबकि उपायुक्त के दफ्तर में तोड़फोड़ की.

पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को पुलिस फायरिंग में जख्मी हुए एक शख्स के एक अस्पताल में दम तोड़ देने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर मार्च किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 25 Feb 2019,08:06 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT