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‘14 फरवरी को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में कार बम हमला हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोटो-शूट से फुर्सत नहीं थी.’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ये आरोप लगाए हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने.
उन्होंने 22 फरवरी को ट्वीट किया कि, “40 सैनिकों की शहादत की खबर आने के तीन घंटे बाद तक ‘प्राइम टाइम मिनिस्टर’ एक फिल्म के लिए शूट करते रहे. देश और शहीदों का परिवार गम के सागर में डूबा था, और वो (पीएम मोदी) अपने फोटो-शूट के लिए हंस रहे थे.”
ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष ने जिम कॉर्बेट में प्रधानमंत्री मोदी के फोटो-शूट की तस्वीरें भी शेयर कीं.
संगीन आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक दिन बाद ट्वीट किया. सुरजेवाला ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी के फोटो-शूट की तस्वीरें दिखाई थीं. साफ है कि कांग्रेस पुलवामा हमले का मुद्दा गरमाकर बीजेपी पर हमला तेज करना चाहती है.
लेकिन, कांग्रेस के ताजा हमले से एक गंभीर सवाल उठ खड़ा हुआ है: पुलवामा में जिस वक्त कार बम हमले ने CRPF के 40 जवानों की जान ली, उसके ठीक बाद पीएम मोदी क्या कर रहे थे?
सवाल का जवाब कांग्रेस के आरोपों और बीजेपी के बचाव में है. बीजेपी की दलील है कि पीएम ने कुछ भी गलत नहीं किया. फिर भी उस दिन पीएम मोदी क्या कर रहे थे, इसकी तफ्तीश दो सबूतों से की जा सकती है. पहला सबूत है, कांग्रेस की शेयर की गई तस्वीरें और दूसरा सबूत है 14 फरवरी, यानी हमले वाले दिन मीडिया में आई खबरें.
कम से कम एक तस्वीर, यानी मोदी के मोटरबोट सवारी की तस्वीर पुलवामा हमले के पहले ली गई थी.
उत्तराखंड के एक BJP सोशल मीडिया कार्यकर्ता ने वो तस्वीर 14 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 52 मिनट पर पोस्ट की थी. यानी पुलवामा हमले से थोड़ी देर पहले.
लेकिन कैमरे के सामने पोज देते मोदी की तस्वीर हमले के बाद ली गई प्रतीत होती है. उस वक्त सूरज की रोशनी कम थी. हालांकि इसका कारण या तो ढलता हुआ दिन हो सकता है, या फिर खराब मौसम. फिर भी संभावना है कि ये तस्वीर पुलवामा हमले के बाद ली गई हो.
इस सवाल के जवाब में ज्यादा गंभीर सबूत उस दिन की मीडिया कवरेज से मिलते हैं. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और अन्य मीडिया स्रोतों की रिपोर्ट के मुताबिक 14 फरवरी को पीएम मोदी की दिनचर्या एक सूत्र में पिरोने की कोशिश की जा सकती है:
7 AM: पीएम मोदी देहरादून के जॉली ग्रान्ट हवाई अड्डे पर उतरे. खराब मौसम के कारण जिम कॉर्बेट के लिए उनकी रवानगी में देरी हुई.
11:15 AM: पीएम मोदी हैलिकॉप्टर से जिम कॉर्बेट के लिए रवाना हुए.
सबसे पहले वो कालाघाट पहुंचे, जो पार्क के प्रवेश-द्वारों में एक है. वहां से वो ढिकाला गए, जहां उन्होंने जंगल के पैदल-मार्ग का दौरा किया.
जंगल पैदल-मार्ग का दौरा करने के बाद वो किन्नौली स्थित फॉरेस्ट गेस्ट हाउस पहुंचे.
पीएम मोदी ने कोटद्वार और कालाघाट के बीच पंखराऊ में टाइगर सफारी की शुरुआत की. एक अनुमान के मुताबिक पीएम मोदी ने जिम कॉर्बेट पार्क में करीब चार घंटे बिताए. बताया जाता है कि इसी दौरान उन्होंने एक डॉक्यूमेंट्री के लिए फोटो-शूट भी किया.
3:10 PM: पुलवामा में कार बम हमला हुआ. इसके फौरन बाद उससे जुड़ी खबरें आनी शुरु हो गईं.
4 PM: पीएम मोदी जिम कॉर्बेट से रवाना हुए. कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें रुद्रपुर में एक रैली को सम्बोधित करना था, लेकिन दूरदर्शन और पीटीआई के मुताबिक खराब मौसम के कारण रैली कैन्सिल करनी पड़ी.
5:10 PM: टेलीफोन के जरिये मोदी ने रुद्रपुर रैली को सम्बोधित करना आरम्भ किया, लेकिन अपने सम्बोधन में पुलवामा हमले का कोई जिक्र नहीं किया. दिलचस्प बात ये थी कि जिस वक्त दूरदर्शन पीएम मोदी के भाषण का प्रसारण कर रहा था, उसी वक्त टिकर पर पुलवामा हमले में मारे गए CRPF जवानों के बारे में जानकारियां भी चल रही थीं.
6:46 PM: मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले की निन्दा करते हुए ट्वीट किया. अब तक आतंकी हमला हुए साढ़े तीन घंटे बीत चुके थे.
तथ्य: जिस वक्त पुलवामा हमला हुआ और खबरें आनी शुरु हुईं, उस वक्त पीएम मोदी जिम कॉर्बेट में थे.
सवाल:
तथ्य: हमला होने के करीब दो घंटे बाद, यानी शाम 5:10 बजे पीएम मोदी टेलिफोन से रुद्रपुर रैली को सम्बोधित कर रहे थे. अपने भाषण में उन्होंने हमले का कोई जिक्र नहीं किया, बल्कि लोगों को “बधाईयां” देते रहे. वो रैली को मोबाइल फोन से सम्बोधित कर रहे थे. यानी साफ था कि वो पहुंच से बाहर नहीं थे, जैसा कुछ लोगों का दावा था.
सवाल:
तथ्य: आतंकी हमले पर मोदी की पहली प्रतिक्रिया शाम 6:46 बजे एक ट्वीट के रूप में आई, हमले के करीब तीन घंटे और उनकी रुद्रपुर रैली के करीब डेढ़ घंटे बाद.
सवाल:
कांग्रेस के आरोपों के जवाब में दो दिनों से तीन कहानियां सामने आ रही हैं:
हालांकि ये खबरें काफी हद तक मोदी के पक्ष में हैं, फिर भी कई सवाल अनुत्तरित हैं:
हो सकता है कि कांग्रेस की दिखाई तस्वीरें पुख्ता सुबूत ना हों और नाश्ता करने का कांग्रेस का दावा सिर्फ राजनीतिक आडम्बर हो, फिर भी इस पूरे प्रकरण में कई सवाल हैं, जिनका जवाब सरकार को देना है. विभिन्न तथ्यों की जांच करने पर सिर्फ तीन संभावनाएं दिखती हैं:
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