advertisement
पंजाब के संगरूर में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह को बचाने का कोशिश सोमवार को भी जारी है. जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास सूखे पड़े एक बोरवेल में 6 जून शाम को फतेहवीर गिर गया था. उसे बचाने के लिए चौथे दिन भी ऑपरेशन जारी है.
अधिकारियों ने बताया कि ये बोरवेल एक कपड़े से ढंका हुआ था. फतेहवीर खेलते हुए वहां पहुंचा और उसमें गिर गया. उसकी मां ने अपनी इस इकलौती संतान को बचाने की बहुत कोशिशें की लेकिन वह नाकामयाब रही. रविवार को बचाव दल बच्चे के करीब पहुंच गया था लेकिन उसे निकाला नहीं जा सका क्योंकि कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आ गईं थीं.
अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को खाना पीना तो नहीं दिया गया है लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.
बचाव दल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), पुलिस, प्रशासन, ग्रामीण और स्वयं सेवी लोग शामिल हैं. ये लोग तपती गर्मी की परवाह किए बगैर पूरी मेहनत से बचाव अभियान चला रहे है.
घटना स्थल पर कैंप लगाकर राहत अभियान पर नजर रख रहे पंजाब के सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि उनका मकसद सिर्फ बच्चे को सकुशल बाहर निकालना है. इस घटना ने कुरूक्षेत्र में 2006 में गिरे बच्चे प्रिंस को बचाने की याद ताजा कर दी. प्रिंस को करीब 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)