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QPodcast:चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन, दिल्ली का बॉस कौन? फैसला आज

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शादाब मोइज़ी
भारत
Published:
चुनाव से पहले विपक्ष का होगा गठबंधन
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चुनाव से पहले विपक्ष का होगा गठबंधन
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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चुनाव से पहले विपक्ष का होगा गठबंधन

2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ समूचा विपक्ष लामबंद हो गया है. बुधवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की रैली में पूरे दिन एकजुटता दिखाने के बाद शाम को एनसीपी नेता शरद पवार के घर विपक्षी दलों की बैठक हुई. इसमें चुनाव से पहले गठबंधन और कॉमन मिनिमम एजेंडा बनाने पर पूरी सहमति बनी. हालांकि इस बैठक में समाजवादी पार्टी का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं था.

बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम सभी एकजुट होकर बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को हराएंगे. उन्होंने कहा कि हम सब कॉमन मिनिमम एजेंडा तैयार करने पर सहमत हैं और बीजेपी को हराने के लिए सभी मिलकर काम करेंगे. हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने साफ किया कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल में गठबंधन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्षी दल चुनाव से पहले गठबंधन करेंगे.

एनसीपी चीफ शरद पवार के घर हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, ममता बनर्जी के अलावा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद थे.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनावों से पहले गठबंधन करेगा विपक्षः ममता

दिल्ली सरकार बनाम LG मामले में आज आएगा ‘सुप्रीम’ फैसला

दिल्ली में पिछले कई वक्त से चले आ रहे दिल्ली सरकार बनाम उप राज्यपाल की लड़ाई पर आज फुल स्टॉप लग सकता है. सर्विसेज, अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग करने और एसीबी के गठन का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेगा या केंद्र सरकार के पास, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.

ये मामला जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की बेंच के पास है. सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने एक नवंबर 2018 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अभी हाल ही में दिल्ली सरकार ने कोर्ट में इस मामले को उठाते हुए जल्द फैसला देने की गुजारिश की थी. दिल्ली सरकार ने पीठ को बताया था कि फैसला जल्द सुनाया जाए क्योंकि प्रशासन चलाने में परेशानियां हो रही है. बता दें कि पिछले साल संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली में पुलिस, कानून व्यवस्था और भूमि को छोड़कर उप राज्यपाल दिल्ली सरकार के किसी दूसरे कामकाज में दखल नहीं देंगे.

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1993 मुंबई ब्लास्ट का मोस्ट वांटेड अबू बकर दुबई में पकड़ा गया

1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके मामले में भारतीय एजेंसियों को दुबई में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. इस मामले में सुरक्षा एजेंसियां भारत के दो मोस्ट वांटेड लोगों को पकड़ लिया है. पकड़े गए शख्स की पहचान अबू बकर के तौर पर हुई है. अबू बकर पर पाक अधिकृत कश्मीर में ट्रेनिंग, आरडीएक्स लाने और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के दुबई स्थित घर पर साजिश में शामिल होने का आरोप है.

एजेंसियों के मुताबिक मुंबई बम धमाकों में अबू बकर मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था और पाकिस्तान व यूएई में रह रहा था. एजेंसियों ने खुफिया इनपुट के आधार पर उसे पकड़ा है. फिलहाल भारतीय एजेंसियां अबू बकर को भारत लाने की कोशिश कर रही हैं.

गुर्जर समुदाय समेत 5 जातियों को 5 फीसदी आरक्षण मिलेगा

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने गुर्जर आरक्षण बिल राजस्थान विधानसभा से पारित कर दिया है. इस बिल के पास होने से अब गुर्जर समुदाय समेत 5 जातियों को 5 फीसदी आरक्षण मिलेगा. इसके तहत इन जातियों के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.

बता दें कि बीते कुछ समय से गुर्जर समुदाय के लोग आंदोलन कर रहे थे, जिसकी वजह से रेल यातायात से लेकर सड़क यातायात की सेवाएं प्रभावित हो रही थीं.

WhatsApp का बड़ा फीचर, ग्रुप में Add करने के लिए लेनी होगी इजाजत

वॉट्सऐप अब एक ऐसा फीचर लेकर आ रहा है जिसकी मदद से यूजर की मर्जी के बिना कोई उसे किसी भी ग्रुप में ऐड नहीं कर सकता है. वॉट्सऐप पर अक्सर कुछ ग्रुप एडमिन किसी यूजर को बिना उनकी इजाजत के अपने ग्रुप में ऐड कर लेते हैं. ऐसे में ग्रुप में ऐड होने के बाद आपके पास एक ही ऑप्शन बचता है कि आप ग्रुप लेफ्ट कर दें मतलब छोड़ दें और उस ग्रुप को अपने चैट लिस्ट से डिलीट कर दें.

ग्रुप छोड़ने पर ये दिक्कत ये भी थी कि बाकी ग्रुप मेंबर को ये दिख जाता था कि आपने ग्रुप छोड़ दिया है. और फिर लोग सवाल करते क्या हुआ क्यों ग्रुप छोड़ दिया. ऐसे में अब इन सब झंझटों से बचने के लिए वॉट्सऐप का नया फीचर मदद करेगा.

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