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रामनाथ गोयनका पुरस्कार: क्विंट को ‘हिंदी पत्रकारिता’ समेत 3 अवॉर्ड

हमारी डॉक्यूमेंट्री को तमाम हिंदी अखबारों, खबरिया चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बीच सर्वश्रेष्ठ माना गया

क्विंट हिंदी
भारत
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हमारी डॉक्यूमेंट्री को तमाम हिंदी अखबारों, खबरिया चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बीच सर्वश्रेष्ठ माना गया
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हमारी डॉक्यूमेंट्री को तमाम हिंदी अखबारों, खबरिया चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बीच सर्वश्रेष्ठ माना गया
(फोटो: क्विंट)

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देश का सबसे प्रतिष्ठित पत्रकारिता सम्मान और उसमें द क्विंट को तीन अवॉर्ड. ये क्विंट की साहसी, सच्चे और स्वतंत्र पत्रकारिता पर एक और मुहर है. क्विंट के चार पत्रकारों की तीन स्पेशल रिपोर्ट को उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार, 2018 मिला है. क्विंट के चार पत्रकार हैं शादाब मोइज़ी, पूनम अग्रवाल, अस्मिता नंदी और मेघनाद बोस. क्विंट हिंदी को हिंदी पत्रकारिता कैटेगरी में अवॉर्ड मिला है, जो बेहद विशिष्ट है क्योंकि हमारी डॉक्यूमेंट्री को तमाम हिंदी अखबारों, खबरिया चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बीच सर्वश्रेष्ठ माना गया.

पूनम अग्रवाल की इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर बेबाक कवरेज, अस्मिता नंदी और मेघनाद बोस की ‘लिंचिस्तान’ डॉक्यूमेंट्री और शादाब मोइजी की 2013 मुजफ्फरनगर दंगो में गुम हो चुके लोगों के परिवारों पर डॉक्यूमेंट्री को अवॉर्ड मिला है.

मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों पर डॉक्यूमेंट्री के लिए 'हिंदी पत्रकारिता' अवॉर्ड

2013 मुजफ्फरनगर दंगो में गुम हो चुके लोगों के परिवारों के पांच साल बाद के हालात पर शादाब मोइजी की डॉक्यूमेंट्री ने 'हिंदी पत्रकारिता' में अवॉर्ड जीता है. डॉक्यूमेंट्री को उसकी उत्कृष्टता, गंभीरता और प्रभाव के लिए सम्मानित किया गया.

इस डॉक्यूमेंट्री में शादाब ने दिखाने की कोशिश की थी कि किस तरह से जिनके अपनों को उनकी आंखों के सामने ही मारा गया, उन्हें भी पुलिस लापता बता रही है.

डॉक्यूमेंट्री में शादाब के कैमरे ने दंगा पीड़ितों के दर्द को पकड़ा था. पीड़ितों ने बताया था कि वो अब अपने गांव लिसाढ़ नहीं जाना चाहते, क्योंकि वहां वही जख्म फिर ताजा हो जाएगा.

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इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर खुलासे किए खोजी पत्रकारिता का अवॉर्ड

पूनम अग्रवाल ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर कई खुलासे किए. बॉन्ड पर छुपे हुए यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड से लेकर डोनर के गुमनाम होने के सरकारी दावे की सच्चाई तक, पूनम ने इन बॉन्ड्स के हर पहलू को कवर किया. जनहित में रिपोर्टिंग और उसके प्रभाव के लिए पूनम को 'इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग' का अवॉर्ड दिया गया है.

'लिंचिस्तान' के लिए 'अनकवरिंग इंडिया विजिबल' अवॉर्ड

'अनकवरिंग इंडिया विजिबल' कैटेगरी में अस्मिता नंदी और मेघनाद बोस को उनकी डॉक्यूमेंट्री 'द मेकिंग ऑफ लिंचिस्तान' के लिए रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला है. डॉक्यूमेंट्री में मॉब लिंचिंग के 'संगठित अपराध' पर ग्राउंड जीरो से गहराई से रिपोर्ट किया गया.

हमारे चारों पत्रकारों को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों अवॉर्ड मिले.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 20 Jan 2020,06:46 PM IST

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