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अनिल अंबानी की अपनी लिस्टेड कंपनियों में शेयर की वैल्यू है करीब 25 हजार करोड़ रुपए लेकिन वो अब तक मानहानि के 16 नोटिस भेजकर 85,000 करोड़ रुपए का हर्जाना मांग चुके हैं.
अनिल अंबानी ने मीडिया हाउस, जर्नलिस्ट और दूसरों को तमाम नोटिस राफेल विवाद के सिलसिले में भेजे हैं. हर्जाने के तौर पर मांगी गई ये रकम उनकी ADAG ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू से दो गुना ज्यादा हैं. ADAG ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में प्रमोटरों यानी अनिल अंबानी फेमिली के शेयरों का हिसाब लगाएं तो हर्जाने में मांगी गई रकम शेयर वैल्यू का साढ़े तीन गुना हो जाती है.
ये मानहानि के नोटिस 60 हजार करोड़ रुपए की राफेल डील से जुड़े आरोपों और उनकी रिपोर्टिंग से संबंधित हैं. मतलब हर्जाने में मांगी गई रकम राफेल डील से ज्यादा है. कुल 16 नोटिस मीडिया हाउस, जर्नलिस्ट और विपक्षी नेताओं को भेजे गए हैं.
अनिल अंबानी के ADAG ग्रुप की 7 लिस्टेड कंपनियां हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 28 नवंबर को उनके शेयर भाव के हिसाब से सबका मार्केट कैप करीब 40,000 करोड़ रुपए है.
रिलायंस कम्युनिकेशन - 3,683.69
रिलायंस पावर- 8,443.43
रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग- 964.77
रिलायंस होम- 2,081.21
रिलायंस निप्पॉन- 9,871.56
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर- 9,250.67
रिलायंस कैपिटल- 6006
लेकिन इनमें अगर प्रमोटर होल्डिंग का हिसाब लगाया जाए तो प्रमोटर के एसेट सिर्फ 25,000 करोड़ रुपए ही निकलते हैं. प्रमोटर में अनिल अंबानी और उनका परिवार शामिल है.
अनिल अंबानी का ताजा नोटिस मीडिया पोर्टल The Wire को भेजा गया है. जिसमें 6000 करोड़ रुपए की मानहानि का हर्जाना मांगा गया है. इसके पहले भी इस तरह के नोटिस कई मीडिया हाउस के अलावा विपक्ष के नेताओं को भी मिले हैं. भारत के इतिहास में शायद ये मानहानि के दावे का सबसे बड़ा हर्जाना मांगा गया होगा.
NDTV- 10,000 करोड़ रुपए
सिटिजन की फाउंडर एडिटर सीमा मुस्तफा- 7000 करोड़ रुपए
नेशनल हेराल्ड- 5000 करोड़ रुपए
संजय सिंह- 5,000 करोड़ रुपए
Scroll - 15,500 करोड़ रुपए
संजय निरुपम और प्रियंका चतुर्वेदी के मुताबिक उन्हें और कई कांग्रेस नेताओं को भी 5000 करोड़ रुपए के नोटिस मिले. इस मामले में अमेरिकी न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग और लंदन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के पास भी नोटिस पहुंच चुका है.
बिजनेस के लिहाज से अनिल अंबानी की रिलायंस ADAG ग्रुप कंपनियों की सेहत कोई बहुत अच्छी नहीं है. ग्रुप की 7 लिस्टेड कंपनियां हैं लेकिन इस साल जनवरी से अब तक इनमें से ज्यादातर के शेयर 50 परसेंट से ज्यादा गिर चुके हैं. जिससे इनकी मार्केट वैल्यू कम होकर सिर्फ 36500 करोड़ रुपए रह गई है.
कर्ज और दूसरी दिक्कतों से ग्रुप की करीब-करीब सभी कंपनियों में इस साल निवेशकों की आधी रकम साफ हो गई है. एक जनवरी 2018 के भाव के हिसाब से 28 नवंबर को 2018 के बीच ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट ही रही है.
1. रिलायंस कैपिटल- 598 रुपए से गिरकर भाव 237 रुपए रह गया
2. रिलायंस इंफ्रा- 572 रुपए से गिरकर 360 रुपए
3. रिलायंस कम्युनिकेशन- 35.4 रुपए से गिरकर अभी- 13 रुपए
4. रिलायंस पावर- 60 रुपए से गिरकर 29.85 रुपए
5. रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग 65- से गिरकार अभी 12.78 रुपए
6. रिलायंस होम- 98 रुपए से अभी- 42.5 रुपए
7. रिलायंस निप्पॉन- 299.75 रुपए से गिरकर अभी 172.30 रुपए
शेयर में कमजोरी के साथ रिलायंस ADAG ग्रुप की कंपनियां कर्ज के संकट से भी परेशान हैं. कर्ज कम करने के लिए अनिल अंबानी हिस्सेदारी भी बेच रहे हैं. वित्तीय साल 2018 में अनिल अंबानी के ADAG ग्रुप की कंपनियों पर कुल एक लाख करोड़ (1,03,158 करोड़) का कर्ज है.
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