Home News India राफेल आला रे: कॉकपिट में कश्मीरी अफसर, यूपी के पायलट-10 बड़ी बातें
राफेल आला रे: कॉकपिट में कश्मीरी अफसर, यूपी के पायलट-10 बड़ी बातें
राफेल विमानों के पहले बेड़े को 17वें स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा
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भारत
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राफेल विमानों के पहले बेड़े को 17वें स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा
(फोटोः PTI)
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भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए फ्रांस से 5 बेहद खतरनाक राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचने ही वाले हैं. एयरफोर्स की तरफ से इनके स्वागत के लिए तैयारियां की गई हैं. ये पांचों राफेल अंबाला के एयरबेस पर उतरेंगे. लेकिन राफेल से जुड़ी कई बातें उनके उतरने से पहले सामने आ रही हैं. जैसे कि कौन से पायलट हैं, जो इन डेडली फाइटर जेट्स को उड़ा रहे हैं. साथ ही भारत में इन फाइटर्स को एयरफोर्स के कौन से बेड़े में शामिल किया जाएगा. राफेल से जुड़ी ऐसी ही कुछ बड़ी बातें आपको बता रहे हैं.
राफेल विमानों की पहली खेप भारत को मिल रही है. इन पांच लड़ाकू विमानों में तीन विमान सिंगल सीटर और दो ट्विन सीटर हैं. सभी को दसॉ एविएशन ने डिलीवर किया है.
सिंगल सीटर राफेल की टेल पर पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के नाम के एल्फाबेट लिखे गए हैं, वहीं डबल सीटर वाले राफेल पर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया का नाम (RB) लिखा गया है.
राफेल विमानों को लाने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना के पायलट्स को दी गई है. इन सभी पायलट्स ने फ्रांस में ही राफेल फाइटर जेट को उड़ाने की ट्रेनिंग ली है.
इन ट्रेन्ड पायलट्स ने ही रास्ते में एयर फ्यूलिंग यानी हवा में ही विमान का ईंधन भरने का काम भी किया. फ्रांस एयरफोर्स ने इसके लिए इसके लिए एक स्पेशल टैंकर मुहैया कराया था. जिससे एयर फ्यूलिंग का ये काम पूरा हुआ.
राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. इस स्क्वाड्रन को एयरफोर्स में गोल्डन एरोज के नाम से जाना जाएगा. एयरफोर्स ने इसका एक अलग ही लोगो भी तैयार कर लिया है.
राफेल विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से ठीक पहले कश्मीर के एक एयरफोर्स पायलट का नाम भी सामने आ रहा है, जिन्होंने भारत की तरफ से सबसे पहले राफेल की सवारी की थी. एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर कश्मीर के अनंतनाग जिले से हैं, सोशल मीडिया पर लोग उनकी जमकर तारीफ भी कर रहे हैं.
राफेल विमानों को भारत लेकर आने के लिए एयरफोर्स के चुनिंदा पायलट्स को फ्रांस भेजा गया था. जिसमें उत्तर प्रदेश के विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल हैं. उन्होंने इससे पहले इन फाइटर जेट्स को उड़ाने की ट्रेनिंग ली थी. अब पांच में से एक राफेल को त्रिपाठी अपने देश लेकर आ रहे हैं.
राफेल विमानों के पहुंचने से पहले अंबाला कैंट एरिया में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कैंट एरिया में किसी भी तरह की फोटोग्राफी वर्जित है और यहां ड्रोन या ऐसी कोई चीज भी नहीं उड़ाई जा सकती. नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
राफेल की सुरक्षा को देखते हुए अंबाला एयरबेस से नजदीक 4 गावों में धारा 144 लगा दी गई है. पूरा प्रशासन हाई अलर्ट पर है. लोग छत पर भी इकट्ठा नहीं हो सकते हैं और राफेल की लैंडिंग के वक्त फोटो भी नहीं ले सकते.
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर पांच राफेल लड़ाकू विमान ग्रहण करेंगे और उनका स्वागत करेंगे.