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शुक्रवार सुबह राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया. कोर्ट का कहना है कि राफेल डील में कोई गड़बड़ नहीं हुई और सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. उसके बाद एक के बाद एक बीजेपी के नेता और मंत्री सामने आए और कांग्रेस को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. सबसे ज्यादा वार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हुए. अमित शाह, राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद जैसे बड़े बीजेपी लीडर्स ने राहुल से माफी मांगने को कहा. लंबे समय तक राहुल के खिलाफ बयान आते रहे और उन्होंने झूठा और गुमराह करने वाला करार दिया गया. इधर से कांग्रेस भी हमलावर रुख में थी और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया. मामला पूरे दिन उबलता रहा और शाम होते-होते राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आ गए.
शाम को करीब 5 बज रहे थे. राहुल गांधी ने शुरुआत ही पीएम पर बड़े तंज के साथ की. राहुल का कहना था कि हम तो अक्सर मीडिया से बात करते हैं लेकिन पीएम मोदी कभी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते. राहुल की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी मीडिया के डायरेक्ट सवालों से डरते हैं.
इस बयान के बाद राहुल ने बहुत ही ज्यादा आक्रामक अंदाज में राफेल विवाद को लेकर अपनी बात रखी. राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की चंद लाइनें पढ़ीं जिसमें लिखा था कि राफेल की कीमत की चर्चा सीएजी की रिपोर्ट में है और वो रिपोर्ट संसद की पीएसी के पास है. राहुल ने कहा कि इस तरह की कोई रिपोर्ट पीएसी के सामने आई ही नहीं. इस मौके पर वो अपने साथ पीएसी कमेटी के चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर आए और बार-बार बड़े ही चुटीले अंदाज में मीडिया से बोलते रहे कि, “इनसे पूछ लीजिए कि इनके पास कोई रिपोर्ट आई क्या? पूछिए इनसे कि इन्होंने अपनी जिंदगी में सीएजी की रिपोर्ट देखी है क्या?”
आपको बता दें कि राहुल गांधी के इन ताबड़तोड़ बयानों के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे पत्रकार बहुत तेज-तेज हंस रहे थे. इस दौरान गांधी ने मजाकिया अंदाज में ये भी कहा कि आप हंसिए मत ये बहुत गंभीर मुद्दा है.
इसके बाद राहुल ने अचानक से बहुत ही ज्यादा आक्रामक रुख अपनाया और सीधा कहा कि, “चौकीदार चोर है. ”
शायद ही इससे पहले राहुल गांधी का ऐसा अंदाज किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखा हो. राहुल ने शुरुआत में तंज मारा, फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए अपने पॉइंट रखे, बीच-बीच में मजाकिया अंदाज में मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए और फिर उसके बाद आखिर में पीएम मोदी और अनिल अंबानी पर राफेल डील में चोरी का इल्जाम लगा गए.
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