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गुजरात चुनाव के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तेवरों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी अपनी पहली विदेश यात्रा पर बहरीन पहुंचे. सोमवार को उन्होंने विदेश में रह रहे भारतियों (ग्लोबल आर्गनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजन) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां राहुल ने बीजेपी से लेकर भारत में बेरोजगारी के समस्याओं पर जमकर हमला बोला.
राहुल ने भारतीय प्रवासियों से कहा कि उनकी प्रतिभा, कौशल, सहिष्णुता और देशभक्ति की आज देश को जरूरत है. उन्होंने कहा,
महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और बी आर अंबेडकर को भी प्रवासी करार देते हुए राहुल ने कहा, हमारे पूर्वजों को भारत के विचार की रक्षा के लिए 1947 में आपकी जरूरत महसूस हुई थी और अब मैं भारत को बदलने के लिए आपकी मदद मांगने आया हूं.
राहुल गांधी ने सरकार पर लोगों को जाति एवं धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वह बेरोजगार युवाओं के गुस्से को समाज में नफरत में बदल रही है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों से घृणा एवं विभाजन की शक्तियों से लड़ने में मदद की अपील की.
राहुल गांधी ने बेहरीन में प्रवासी भारतीय समुदाय को यह आश्वासन दिया कि वह अगले छह महीने में नई चमकती कांग्रेस पार्टी सामने लाएंगे जिस पर लोग विश्वास करेंगे. इस तरह उन्होंने संगठन में व्यापक बदलाव का संकेत दिया.
राहुल ने उम्मीद जताते हुए कहा कि कांग्रेस 2019 में भाजपा को हराएगी, क्योंकि उसके पास ऐसा करने की शक्ति और क्षमता है. उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी अपने गढ़ गुजरात में हाल के चुनाव में बमुश्किल बच सकी.
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