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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस दलितों के बीच अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है. बीते चार सालों में दलितों के प्रति हुई घटनाओं को लेकर कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार को घेरती रही है.
इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'संविधान बचाओ' अभियान की शुरुआत की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला. राहुल ने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार आने के बाद से दलितों के प्रति अत्याचार बढ़े हैं.
राहुल ने कहा कि बीजेपी सरकार में रहकर दलितों के हकों को लेकर संविधान पर चोट कर रही है.
पिछले कुछ महीनों में उभरे दलित आंदोलनों ने बता दिया कि 2019 चुनावों में दलित अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं. राहुल गांधी के भाषण से साफ है कि कांग्रेस राजनीति के इस गरम लोहे पर चोट करने में कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहती.
कांग्रेस पार्टी के मुताबिक, यह अभियान अगले साल दलित विचारक बाबासाहब भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. कांग्रेस के इस अभियान का मकसद मोदी सरकार को दलितों के हितों का विरोधी बताकर दलितों के बीच पैठ बढ़ाने का है.
संविधान बचाओ' अभियान की शुरुआत के मौके पर पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष नितिन रावत ने कहा कि इस बार दलित ही तय करेगा कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?
कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान में स्थानीय निकाय और जिला स्तर के पार्टी नेता शामिल होंगे. इसके अलावा वे नेता भी इसमें भाग लेंगे जो दलितों के हितों के लिए काम करते रहे हैं. अभियान के तहत कांग्रेसी नेता अपने-अपने क्षेत्र में जाकर जनता में संदेश देंगे कि कांग्रेस उनके हकों के लिए लड़ रही है.
बीते 2 अप्रैल को एससी/एसटी समुदाय के बुलाए गए भारत बंद में बड़े पैमाने पर दलित सड़कों पर उतरे थे. लिहाजा, कांग्रेस को लगता है कि दलितों की आवाज उठाकर वह अपनी खोई हुई सत्ता हासिल कर सकती है.
इसकी शुरुआत के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह , पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और सुशील कुमार शिंदे जैसे सीनियर नेता भी शामिल हो सकते हैं.
कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने एक बयान में दावा किया कि आरएसएस समर्थित बीजेपी जब से केंद्र की सत्ता में आयी है , किसी न किसी तरीके से देश के संविधान पर हमले होते रहे हैं. इससे समाज के वंचित तबकों को उनके संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी - आरएसएस अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर तबकों को मिली सामाजिक सुरक्षा को भंग करना चाहती है. आरएसएस विचारधारा संविधान के मूल ढांचे पर हमला करता है. कांग्रेस पार्टी इसका मुकाबला करेगी.
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