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वायनाड से सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में ही ट्विटर पर पार्टी के कुछ अहम सदस्यों को अनफॉलो किया है. राहुल के इस कदम के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ लोग इसे राहुल गांधी की सोशल मीडिया की नई रणनीति के तहत देख रहे हैं तो कुछ लोग इसे कांग्रेस में 'ओल्ड Vs न्यू' संग्राम के नए अध्याय के रूप में देख रहे हैं.
राहुल ने जिन्हें अनफॉलो किया है उनमें ऑल्ट न्यूज के प्रतीक सिन्हा, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त और कुछ कांग्रेस कवर करने वाले पत्रकार शामिल हैं.
राहुल गांधी के फिलहाल ट्विटर पर 18.8 मिलियन फॉलोअर हैं. 1 जून को राहुल ने उनके सहयोगी केबी बायजू, निखिल, निवेदित अल्वा, कौशल विद्यार्थी, अलंकार सवाई को भी अलफॉलो कर दिया.
राहुल पहले 281 लोगों को फॉलो करते थे लेकिन मंगलवार को पहले ये संख्या घटकर 228 रह गई, फिर बुधवार सुबह तक ये और घटकर 219 पर आ गई.
राहुल के इस एक्शन पर बात करते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- 'मुझे नहीं पता कि राहुल गांधी ने ही ये किया है या नहीं और क्या ये सही बात है या नहीं.'
राहुल गांधी के कुछ सहयोगियों जिन्हें राहुल ने अनफॉलो किया है उनका कहना है कि वो इस डेवलपमेंट के बारे में जानते हैं.
राहुल के दफ्तर से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि- 'कई लोग इस बात से नाखुश थे कि राहुल गांधी हमें फॉलो करते हैं. इसलिए उन्होंने तय किया कि वो ऑफिस के किसी भी सदस्य को फॉलो नहीं करेंगे.'
लेकिन राहुल गांधी ने सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं को नहीं पत्रकारों को भी अनफॉलो किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पहले राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट निखिल अल्वा हैंडल करते थे, लेकिन अब अकाउंट हैंडलिंग का जिम्मा अलंकार सवाई के पास है.
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