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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि राफेल डील को लेकर देश और विपक्ष के पास कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब देने से प्रधानमंत्री बच रहे हैं.
गांधी ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को उन पर हमले करने की बजाय राफेल मामले पर देश जो सवाल पूछ रहा है उनका जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में दावा किया कि राफेल जेट की कीमत फ्रांस और भारत सरकार के बीच हुए सीक्रेट पैक्ट का हिस्सा नहीं थीं. राहुल ने कहा, ‘फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉ जब दिल्ली आए थे, तो उनसे मुलाकात के दौरान मैंने उनसे पूछा कि भारत सरकार के साथ जो सीक्रेट पैक्ट हुआ है. क्या उसमें राफेल के प्राइज को लेकर भी सीक्रेट रखा गया है. मैंने उनसे ये भी कहा कि हिंदुस्तान के पैसे के बारे में हिदुस्तान की जनता को ही नहीं बताया जा रहा है. तो उन्होंने जवाब में कहा कि राफेल जेट की कीमत सीक्रेट पैक्ट का हिस्सा नहीं है.’
राहुल गांधी ने कहा कि फ्रांस के एक्स प्रेसिडेंट ओलांद ने कहा कि अनिल अंबानी का नाम भारत के प्रधानमंत्री और भारत सरकार ने दिया था. राहुल ने कहा कि ओलांद ने प्रेस से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर ये दावा किया था. उन्होंने कहा कि अगर ओलांद के दावे में सच्चाई नहीं है, तो पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए.
राहुल ने कहा,
राहुल गांधी ने लोकसभा में डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण का जवाब देते हुए कहा,
राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर लोकसभा में सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी को ऑफसेट का सबसे बड़ा पार्ट मिला. लेकिन फिर भी डिफेंस मिनिस्ट्री ने उनका नाम तक नहीं लिया.
राहुल ने कहा कि डिफेंस मिनिस्टर ने अपने भाषण में खुद स्वीकार किया कि पुराने कॉन्ट्रैक्ट को बदलकर नया कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया था. राहुल ने कहा, ‘नए कॉन्ट्रैक्ट में एचएएल को हटाकर अनिल अंबानी को लाया गया. हमारा पहला सवाल ये था कि अनिल अंबानी को लाने का निर्णय किसका था? ओलांदजी ने कहा कि ये निर्णय प्रधानमंत्री का था, हमने आपसे सवाल पूछा और आपने हमें जवाब नहीं दिया.’
राहुल ने कहा इस डील को लेकर 8-10 साल से नेगोसिएशन चल रही थी. इसमें एयरफोर्स के एक्सपर्ट्स और डिफेंस मिनिस्ट्री के अफसर भी शामिल थे. राहुल ने डिफेंस मिनिस्टर से सवाल करते हुए कहा, ‘मैं रक्षा मंत्री से हां या ना में पूछना चाहता हूं कि जब पीएम ने डील बदली, तब क्या डिफेंस मिनिस्ट्री के बड़े अधिकारियों ने कोई आपत्ति जताई थी? तब क्या किसी ने पीएम मोदी को ये सलाह दी थी कि वो इस डील को ना बदलें?’
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल मामले में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस की मंशा विमान की खरीदने की नहीं थी, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था. लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा,
उन्होंने कहा कि सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया. पहला विमान इस तारीख से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और बाकी विमान 2022 तक आ जाएंगे.
रक्षा मंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया 14 महीने में पूरी कर ली गई. हमने 10 साल का समय नहीं लगाया. उन्होंने कांग्रेस पर देश को इस मुद्दे पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया.
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