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कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने गुरुवार को 12 बजे से लेकर 4 बजे तक 'रेल रोको अभियान' चलाया. इस अभियान का असर पंजाब के पटियाला से लेकर यूपी के गाजियाबाद, झारखंड के रांची, बिहार के पटना समेत कई शहरों में देखने को मिला. किसान संगठनों के साथ कुछ राजनीतिक दल के नेता भी सड़क पर उतरे और इस अभियान में हिस्सा लिया. किसान संगठनों ने पहले ही साफ कर दिया था कि ये प्रदर्शन बिलकुल शांतिपूर्वक तरीके से और सांकेतिक तौर पर होगा. हालांकि, अलग-अलग शहरों में प्रशासन और पुलिस इस अभियान को लेकर मुस्तैद दिखे.
बिहार के कुछ राजनीतिक दलों ने रेल पटरियों पर उतरकर कृषि कानूनों पर विरोध जताया. हालांकि पुलिस ने जल्द ही इन आंदोलनकारियों को रेल पटरी से हटा दिया. तीन कृषि कानूनों और बढ़ती पेट्रोल व डीजल की कीमतों के खिलाफ जन अधिकार पार्टी (जाप) कार्यकर्ता पटना के सचिवालय हॉल्ट में पटरी पर पहुंचे और रेल रोकी. जाप के कार्यकर्ताओं ने आरा में भी रेल पटरियों को जाम करने की कोशिश की.
महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में हजारों किसानों चार घंटे के अखिल भारतीय विरोध के तहत रेल-रोको आंदोलन में भाग लिया, हालांकि ट्रेन सेवाएं काफी हद तक अप्रभावित रहीं.अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी. संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा, "संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य किसान संगठनों ने विभिन्न जिलों जैसे ठाणे, पालघर, नासिक, औरंगाबाद, पुणे, परभणी, यवतमाल में रेलवे स्टेशनों और रेलवे लाइनों के लिए विरोध मार्च का नेतृत्व किया, जबकि अन्य जिलों से रिपोर्ट का इंतजार है."
जयपुर-दिल्ली, जयपुर-अजमेर और जयपुर-रेवाड़ी तीन रेलवे ट्रैक हैं जो इन चार घंटों में प्रभावित रहे. डीआरएम ने एक कंट्रोल रूम बनाया था और सभी प्रमुख मार्गो पर डवलपमेंट की निगरानी कर रही है. चार घंटे तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन के लिए अलग-अलग ट्रैक पर जीआरपी और आरपीएफ की टीमों को तैनात किया गया .
अबतक की खबरों के मुताबिक, प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. किसी भी शहर से किसी भी तरह के नुकसान या झड़प की खबर सामने नहीं आई. बता दें कि 10 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में चार फैसले लिए गए थे. जिसमें 12 फरवरी से राजस्थान के सभी टोल प्लाजा, टोल फ्री किए जाना, 14 फरवरी को पुलवामा शहीदों की याद में देशभर में मशाल जुलूस और कार्यक्रम आयोजित करना, 16 फरवरी को सर छोटूराम की जयंती पर पूरे देश के किसान एकजुटता दिखाने और 18 फरवरी को 12 बजे से 4 बजे तक रेल रोको प्रोग्राम का आयोजन था.
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