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लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को उनके घर पहुचाने के लिए किराया लेने को लेकर सरकार और रेलवे की आलोचना हो रही है. इस बीच अब भारतीय रेलवे ने सफाई दी है, रेलवे ने कहा है कि वह प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेच रहा है, रेलवे राज्य सरकारों से इस केवल मानक किराया वसूल रहा है जो कुल लागत का महज 15% है.
लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचने के लिए किराए लेने के रेल मंत्रालय के कदम की जमकर आलोचना हो रही है. लेकिन अब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साफ किया है कि, प्रवासी मजदूरों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा.
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि,
देश के अलग-अलग स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. रविवार (3 मई) को भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेन 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था. राज्य प्रशासन की मांग के अनुसार जोनल रेलवे इन ट्रेनों को चलाएगी.
केंद्रीय रेल मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक, रेलवे,यात्रियों की संख्या के हिसाब से ही गंतव्य स्थान के लिए रेल टिकट प्रिंट करेगा. वहीं, स्थानीय राज्य सरकार के अधिकारी जाने ले यात्रियों को टिकट सौपेंगे और उनसे टिकट का किराया वसूल कर रेलवे को सारी राशि जमा करेंगे.
बता दें, 4 मई से देशभर में तीसरे चरण का लॉकडाउन शुरू होने जा रहा है. ये अगले दो हफ्तों यानी 17 मई तक जारी रहेगा. रेलवे ने घोषणा करते हुए कहा है कि 17 मई तक सभी ट्रेन बंद रहेंगे, केवल प्रवासी मजदूरों और फंसे हुए लोगों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाए जाएंगे.
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