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त्योहारी सीजन में घर जाने की तैयारी में हैं तो ये खबर आपके लिए है. रेल यात्रियों को लोअर बर्थ का ऑप्शन चुनने या त्योहारी मौसम में यात्रा के लिए जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है. रेलवे की किराया समिति ने ये सिफारिशें कर दी हैं. अगर रेलवे बोर्ड इन सिफारिशों को स्वीकार कर लेता है तो रेल यात्रियों को नीचे की बर्थ या त्योहारी सीजन में टिकट बुक कराने के लिए ज्यादा पेमेंट करना होगा.
सूत्रों के मुताबिक, प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की समीक्षा के लिए गठित समिति ने सुझाव दिया है कि रेलवे को एयरलाइंस और होटलों की तरह डायनामिक प्राइस मॉडल अपनाना चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से फ्लाइट में यात्रियों को आगे की लाइन की सीटों के लिए अधिक पेमेंट करना पड़ता है उसी तरह ट्रेनों में भी यात्रियों से उनकी पसंद की बर्थ के लिए अधिक किराया वसूला जाना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, सुविधाजनकर टाइम टेबल और किसी खास रास्ते पर लोकप्रिय ट्रेनों का किराया बढ़ाया जा सकता है.
समिति ने ये भी सुझाव दिया है कि एक किराये के बजाय रेलवे को त्योहारी सीजन के दौरान किराया बढ़ाना चाहिए जबकि कम व्यस्त महीनों में किराये में कमी करनी चाहिए. इसके अलावा असुविधाजनक समय पर अपने गंतव्य पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को रियायत दी जानी चाहिए. उदाहरण के तौर पर, रात 12 से सुबह 4 बजे और दोपहर को 1 बजे से शाम 5 बजे तक पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को किराये में रियायत दी जा सकती है.
समिति में रेलवे बोर्ड के अधिकारी, नीति आयोग के सलाहकार रविंद्र गोयल, एयर इंडिया की कार्यकारी निदेशक मीनाक्षी मलिक, प्रोफेसर एस श्रीराम और ली मेरिडियन दिल्ली के रेवेन्यू डायरेक्टर इति मणि शामिल हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सोमवार को सौंपी है. समिति ने फ्लेक्सी किराया सिस्टम में इन बदलावों का सुझाव दिया है. इस प्रणाली में प्रीमियम ट्रेनों में किराया 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जिसका विरोध हो रहा है.
फ्लेक्सी किराया सिस्टम में आधार किराया हर 10 प्रतिशत सीटों की बुकिंग के बाद 10 प्रतिशत बढ़ जाता है. ये बढ़ोतरी 50 प्रतिशत तक होती है? सूत्रों ने बताया कि समिति ने रातभर में यात्रा पूरी करने वाली और पैंट्री कार सुविधा वाली ट्रेनों में प्रीमियम फीस का भी सुझाव दिया है.
(इनपुट: PTI)
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