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रेलवे क्षेत्र में बड़ा निवेश जुटाने को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अपनाए जाने पर जोर देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग बेहद जरूरी है.
रेल मंत्री ने रेलवे को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के प्रस्तावों की पैरवी करते हुए यह बात कही. इन प्रस्तावों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, "(इन प्रस्तावों के खिलाफ) आम लोग हल्ला नहीं कर रहे हैं. शायद आपको कहीं और हल्ला दिख रहा है. लोग तो इस बात का स्वागत कर रहे हैं कि भारतीय रेल नए युग में प्रवेश कर रही है."
उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने देशभर में रेलवे ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के जरिए यात्री गाड़ियों और मालगाड़ियों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए अगले 12 साल में 50 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया है. गोयल ने कहा, "रेलवे और सरकार के बजट में इतना वित्तीय प्रावधान संभव नहीं है जिससे इस बड़े निवेश लक्ष्य को हासिल किया जा सके. लिहाजा स्वाभाविक रूप से हमें पीपीपी मॉडल के आधार पर काम करना ही होगा."
गोयल ने उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने श्रद्धालुओं और सैलानियों की सुविधा के लिए उज्जैन और काशी के बीच जल्द ही विशेष ट्रेन चलाने का ऐलान किया.
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