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त्योहारों का दौर चल रहा है. ज्यादातर लोग कहीं न कहीं जानें की प्लानिंग में जुटे हुए हैं. ऐसे में रेलवे की तरफ से कई नए ऐलान हुए हैं जिन्हें जान लेना जरूरी हैृ.
रेलवे ने 4 हजार स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है. केंद्रीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ने ये जानकारी देते हुए कहा है कि इस दौरान यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर खास ध्यान दिया जाएगा उन्होंने कहा कि रेलवे केवल स्पेशल ट्रेन ही नहीं चलाएगा बल्कि ये सुनिश्चित करेगा कि ट्रेन समय पर चलें और तय समय पर अपने पहुंचे.
एक्स्ट्रा डिब्बे 30 अक्टूबर तक रहेंगे
सिन्हा ने कहा, इस साल दुर्गापूजा, दशहरा, दिवाली और छठ पर्व वाले त्योहारी मौसम में देश भर में 4 हजार स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी.
मंत्री ने कहा कि दुर्गा पूजा दशहरा और दीपावली पर पूरे देश के कई स्थानों से मशहूर जगहों के लिए भी ट्रेन चलाई जाएंगी और रेगुलर ट्रेनों में एक्स्ट्रा डिब्बे लगाए जाएंगे. वहीं छठ पर्व के दौरान कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और सूरत, वडोदारा, अहमदाबाद क्षेत्रों से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी.
पिछले साल रेलवे ने इस त्योहारी सीजन में 3800 विशेष ट्रेन चलाई थीं जिनकी संख्या इस बार बढ़ाई गई है. इसके साथ ही रिजर्वेशन के लिए भी व्यवस्था की जा रही है, रिजर्वेशन काउंटर बढ़ाए जा रहे हैं.
दिल्ली-मुंबई के बीच सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. कुछ ही महीनों के भीतर बिल्कुल नई और पहले से तेज रफ्तार वाली राजधानी ट्रेन शरू करने की योजना बन रही है. अधिकारियों ने बताया कि इस नई राजधानी एक्सप्रेस की सेवा दिवाली तक शुरु हो सकती है जो मुंबई में बांद्रा से दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन के बीच चलेगी. ये ट्रेन मुंबई और दिल्ली के बीच का सफर 13 घंटे में तय करेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नई राजधानी का परीक्षण अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा. हम फिलहाल में मुंबई राजधानी के 24 डिब्बों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि ये पता किया जा सके कि हम सफर के समय को कुछ घंटे कम कर सकते हैं. हम एलएचबी डिब्बों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
सूत्रों ने संकेत दिया है कि रेल विभाग वैकल्पिक दिनों पर 14 डिब्बों और एक इंजन वाली नई राजधानी शुरू कर सकता है. अधिकारियों का कहना है कि एलएचबी डिब्बों से ट्रेन की गति बढ़ेगी और यह 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकती है. ऐसे में नई राजधानी दिल्ली और मुंबई के बीच का सफर 13 घंटे में तय कर सकती है.
रेल में सफर करने के दौरान सोने को लेकर आपने कई बार झगड़े होते देखे होंगे, इस झगड़े को कम करने के लिए रेलवे ने सोने के आधिकारिक समय में एक घंटे की कटौती कर दी है.
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक आरक्षित कोचों के यात्री अब रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक ही सो सकते हैं, ताकि दूसरे लोगों को सीट पर बाकी बचे घंटों में बैठने का मौका मिले. इससे पहले सोने का आधिकारिक समय रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक था.
रेल अधिकारियों के मुताबिक सोने के समय में एक घंटे की कटौती इसलिए की गई क्योंकि कुछ यात्री ट्रेन में चढ़ने के साथ ही अपनी सीट पर सो जाते थे, चाहे वह दिन हो या रात. इससे ऊपर या बीच की सीट के यात्रियों को असुविधा होती थी.
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस नए निर्देश से ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) को भी अनुमति वाले समय से अधिक सोने से जुड़े विवादों को सुलझाने में आसानी होगी.
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