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रेल मंत्रालय फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की जगह किसी नए सिस्टम पर विचार कर है. यात्रियों की संख्या बढ़ाने और अपने रेवेन्यू में इजाफे के मकसद से मंत्रालय ने फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की शुरुआत की थी. अब नए सिस्टम की जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में फ्लेक्सी फेयर प्रणाली के कारण यात्रियों की संख्या में गिरावट और रेलवे का घाटा बढ़ने से जुड़े एक सवाल के जवाब में दी.
गोयल ने कहा कि फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को डायनेमिक फेयर प्रणाली में तब्दील करने के बारे में मंत्रालय को रिपोर्ट मिली है. उन्होंने कहा कि इसमें समय और मांग के मुताबिक किराया निर्धारण करने की पुख्ता और व्यवहारिक प्रणाली तैयार की जा रही है. इसमें टिकट का किराया मांग और उपलब्धता के आधार पर कम और ज्यादा होगा.
बीजेपी के रामविचार नेताम ने मौजूदा व्यवस्था में रेलयात्रियों को हवाई यात्रा से अधिक किराया देने के कारण रेलवे को इस अव्यावहारिक प्रणाली के कारण हो रहे नुकसान के मद्देनजर मंत्रालय से पूछा कि क्या फ्लेक्सी फेयर प्रणाली की समीक्षा की जा रही है. गोयल ने कहा ‘‘मंत्रालय फ्लेक्सी फेयर प्रणाली की समीक्षा कर इसे पूरी तरह से दुरुस्त करने पर बातचीत कर रह है.''
इससे पहले भी रेलमंत्री ने फ्लेक्सी फेयर स्कीम में बदलाव के संकेत दिए थे. पिछले साल गोयल ने कहा था कि इस सिस्टम का मुद्दा उनके पास आया है, इसे बेहतर बनाया जा सकता है जिससे लोगों की जेब पर बोझ भी न पड़े और रेवेन्यू भी मिलता रहे. बता दें कि फ्लेक्सी फेयर सिस्टम रेलवे के लिए फायदे का सौदा रहा है, सितंबर 2016 से जून 2017 तक मंत्रालय ने इससे 540 करोड़ की अतिरिक्त कमाई की थी. ऐसे में रेलवे को नए सिस्टम के जरिए रेवेन्यू और यात्रियों के फायदे दोनों को बैलेंस करना होगा.
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