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राजस्थान (Rajasthan) के सीकर में में दुर्लभ खनिज यूरेनियम उत्खनन के लिए एलओआई जारी करने के साथ ही राजस्थान यूरेनियम खनन के क्षेत्र में प्रवेश कर गया है. राज्य सरकार ने सीकर के पास खंडेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम अयस्क के खनन के लिए यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा की लेटर ऑफ इंटेट (LOI) जारी कर दी है. देश में झारखंड और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान में यूरेनियम के भंडार मिले हैं. यूरेनियम दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक माना जाता है.
यूरेनियम का उपयोग प्रमुखता से बिजली बनाने में किया जाता है. परमाणु उर्जा के अलावा दवा, रक्षा उपकरणों, फोटोग्राफी सहित अन्य में भी यूरेनियम का प्रमुखता से उपयोग होता है. दुनिया में सर्वाधिक यूरेनियम का उत्पादन कजाकिस्तान, कनाडा और आस्ट्रेलिया में होता है. इसके अलावा निगेर, रुस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, यूएस और यूक्रेन में भी यूरेनियम खनिज मिला है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम सुबोध अग्रवाल ने बताया
आरंभिक अनुमानों के मुताबिक इस क्षेत्र में करीब 12 मिलियन टन यूरेनियम के भंडार संभावित है. देश में अभी तक झारखंड के सिंहभूमि के जादूगोडा और आंध्र प्रदेश में यूरेनियम का उत्खनन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राजस्थान में भी खनिज का खनन शुरू हो जाएगा.
सुबोध अग्रवाल ने बताया कि
उन्होंने बताया कि अब यूरेनियम कारपोरेशन इंडिया द्वारा परमाणु उर्जा विभाग, परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद से खनन योजना अनुमोदित कराकर पेश की जाएगी.
इसी तरह से खान विकास और उत्पादन करार एमडीपीए के समय खनिज रिजर्व मूल्य 0.50 प्रतिशत राशि परफारमेंस सिक्यूरिटी बैंक गांरटी के रुप में दी जाएगी. इसी तरह से भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन से ईसी लेनी होगी और 69.39 हैक्टेयर चरागाह भूमि की राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा.
(इनपुट—पंकज सोनी)
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