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राजस्थान का सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है. लेकिन इसके पहले 11 अगस्त को राजस्थान हाई कोर्ट में 6 बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय से संबंधित सुनवाई होनी है. इस सबको ध्यान में रखते हुए अब बीजेपी ने एहतियात बरतनी शुरू कर दी है. पार्टी ने अपने कई विधायकों को गुजरात शिफ्ट कर दिया है. कहा जा रहा है कि बीजेपी को हॉर्स-ट्रेडिंग का डर है.
वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे दो-तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुई हैं. इन सब बातों को देखते हुए लगता है कि विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले भी राजस्थान की सियासी उथल-पुथल में कई और मोड़ आ सकते हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि बीजेपी को डर है अगर बीएसपी के छह विधायक अयोग्य घोषित हो जाते हैं, तो उसके विधायकों से संपर्क किया जा सकता है.
राजस्थान बीजेपी के प्रमुख सतीश पूनिया ने पार्टी विधायकों को बाहर भेजे जाने को भ्रमण यात्रा बताया, जबकि ये स्वीकार भी किया कि उन्हें कांग्रेस और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी प्रलोभन दे रहे हैं, इसलिए उन्हें टूर पर भेजा जा रहा है.
पूनिया ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "सत्तारूढ़ कांग्रेस अपने फायदे के लिए राजस्थान में सरकारी मशीनरी को दुरुपयोग कर रही है.कई अधिकारियों ने हमारे ट्राइबल बेल्ट के विधायकों से मुलाकात की और उन्हें कई तरह से लुभाने की कोशिश की. हमारे विधायक अवसाद और तनाव में थे, इसलिए उन्हें हमने यात्रा पर भेजने का निर्णय लिया."
राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच वसुंधरा राजे दिल्ली पहुंच गई हैं. 7 अगस्त को राजे ने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की. वसुंधरा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की है.
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अशोक गहलोत सरकार को 14 अगस्त को विधानसभा सत्र बुलाने को मंजूरी दी है. गहलोत सरकार लगातार राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रही थी. जिसे लेकर राज्यपाल ने सरकार के सामने कई शर्तें रखीं. इसके बाद गहलोत सरकार ने कहा था कि वो 31 जुलाई को सत्र बुलाना चाहते हैं, जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया था. लेकिन फिर वो 14 अगस्त की तारीख के लिए राजी हो गए.
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