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संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर IPS अफसरों का नहीं होगा प्रमोशनः HM

अब ऐप के जरिए सीधे गृह मंत्रालय तक पहुंचेगी जवानों की शिकायत, गृह मंत्री ने लॉन्च किया ऐप

द क्विंट
भारत
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फोटोः Twitter)
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फोटोः Twitter)
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अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का अब प्रमोशन नहीं होगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले IPS अफसरों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश देते हुये ताकीद की है कि ऐसे अधिकारियों को केंद्र सरकार से मिलने वाली अन्य सेवा संबंधी सुविधायें भी नहीं मिलेंगी.

मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिरीक्षक और केंद्रीय पुलिस संगठन के प्रमुख को भेजे निर्देश मेंं अचल संपत्ति का साल 2016 का ब्यौरा अभी तक नहीं देने वाले IPS अधिकारियों से जवाब मांगने को कहा है. मंत्रालय ने IPS अधिकारियों को साल 2016 में अचल संपत्ति का ब्यौरा 31 जनवरी 2017 तक ऑनलाइन मुहैया कराने का समय दिया था.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देशभर में तैनात कुल 3894 IPS अफसरों में से लगभग 15 फीसदी अफसरों ने अभी तक अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. मंत्रालय ने निर्देश में स्पष्ट कहा है कि ऐसे अधिकारियों को प्रमोशन और अन्य सेवा संबंधी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.

ऐप के जरिए अब सीधे HM तक पहुंचेगी जवानों की शिकायत

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के अंतर्गत आने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों को अब अपनी ड्यूटी संबंधी परेशानियों का मुद्दा सोशल मीडिया के जरिए नहीं उठाना पड़ेगा. सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जवानों की समस्याएं सीधे गृह मंत्रालय तक पहुंचाने के लिए दो मोबाइल ऐप डेवलप किए हैं.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ‘‘शिकायत निवारण ऐप'' और ‘‘बीएसएफ माई ऐप'' का उद्घाटन कर BSF सहित CAPF के अंतर्गत आने वाले दूसरे अर्धसैनिक बल के जवानों को तकनीकी इस्तेमाल से अपनी समस्याओं का निवारण और सेवा को उन्नत करने का आह्वान किया.

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BSF की संचार एवं सूचना प्रोद्यौगिकी इकाई के महानिरीक्षक एके शर्मा ने बताया कि BSF, ITBP, CRPF, CISF और SSB सहित सभी अर्धसैनिक बलों के लगभग 10 लाख जवान शिकायत निवारण ऐप के जरिये सीधे गृह मंत्रालय से जुड़ सकेंगे.

इसके लिये जवान अपने मोबाइल फोन पर यह ऐप डाउनलोड कर अपनी समस्याएं और अनुभव अपने बल और मंत्रालय से साझा कर सकेंगे. साथ ही जवान अपनी समस्या इस ऐप से भेजने के बाद इसके समाधान का स्टेटस संबद्ध बल की वेबसाइट पर देख सकेंगे. शर्मा ने बताया कि गृह मंत्रालय समस्याओं के समाधान पर निगरानी रखते हुये इसकी समीक्षा भी करेगा. प्रत्येक शिकायत पर संबद्ध बल को स्टेटस भी अपडेट करना होगा.

BSF माई ऐप से जवान भेज सकेंगे छुट्टी की अर्जी

इसी तर्ज पर BSF माई ऐप भी विकसित करते हुये इसमें कुछ अतिरिक्त सहूलियतें जोड़ी गयी हैं. शर्मा ने बताया कि दूरदराज के इलाकों में तैनात BSF के जवान इस ऐप के जरिये छुट्टी की अर्जी भी संबद्ध अधिकारी को भेज सकेंगे. साथ ही जवान अपने वेतन, भत्ते, पेंशन और प्रोन्नति संबंधी जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे. इतना ही नहीं यह ऐप जवानों को भविष्य के लिये वित्तीय निवेश और बचत की योजना बनाने में भी मदद करेगा.

शर्मा ने बताया कि इस ऐप की सबसे खास बात सूचनाओं की सुरक्षा से जुड़ी है. इसके लिये BSF ने गूगल प्लेस्टोर के बजाय अपने सर्वर का इस्तेमाल किया है. इससे ऐप का इस्तेमाल करने वाले जवानों से जुड़ी सूचनायें बाहरी सर्वर पर साझा होने से बचायी जा सकेंगी, जिससे इनके दुरुपयोग का खतरा नहीं होगा. इस अवसर पर BSF के महानिदेशक केके शर्मा और दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के अलावा सशस्त्र बलों के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे.

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