हमारे जिगर का टुकड़ा हैं मुसलमान: राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा- ‘मुसलमान भारत का नागरिक और हमारा भाई है’

आईएएनएस
भारत
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
(फोटो: IANS)

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विचारधारा का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा हैं और साम्प्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता.

रक्षा मंत्री ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में इस धारणा को खारिज किया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. उन्होंने मेरठ और मेंगलुरु में अपनी दो मेगा रैलियों का जिक्र करते हुए कहा, "मैंने पहले भी अपनी मेरठ और मेंगलुरु की रैलियों में कहा है कि मुसलमान भारत का नागरिक और हमारा भाई है. वो हमारे जिगर का टुकड़ा है."

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने शुरुआत से ही मुस्लिम नागरिकों के अंदर डर हटाने और उनमें आत्मविश्वास भरने की कोशिश की है.

रक्षा मंत्री ने कहा, "कुछ ताकतें हैं, जो उन्हें गुमराह कर रही हैं, लेकिन BJP किसी भी स्थिति में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं जा सकती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा दिया है."

उन्होंने कहा, "जाति, धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता. हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते."

साम्प्रदायिक राजनीति के लिए निहित स्वार्थ को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंह ने कहा, “कुछ ताकतें हैं, जो केवल वोट बैंक के बारे में ही सोचती हैं.”

साम्प्रदायिक राजनीति के लिए नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, "राजनीति महज वोटों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण करने के लिए करनी चाहिए."

रक्षा मंत्री ने कहा कि यहां तक कि जो हिंदुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे भी पहचान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते, क्योंकि हिंदुत्व का मतलब ही ‘वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है)‘ है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके अलावा कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंदी से जल्द रिहा होने की प्रार्थना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वे कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने में योगदान देंगे.

मोदी सरकार ने पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को बेअसर कर दिया था. इसके अलावा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया. इन कदमों के बीच एहतियातन हिरासत का हवाला देकर जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से महबूबा मुफ्ती सहित दर्जनों राजनेताओं को नजरबंद कर दिया गया.

रक्षा मंत्री ने कहा, "कश्मीर शांतिपूर्ण रहा है. स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है. सुधार के साथ-साथ इन फैसलों (नजरबंदी से राजनेताओं की रिहाई) को भी अंतिम रूप दिया जाएगा. सरकार ने किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया है." सरकार के फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हितों में कुछ कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, "हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए."

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Published: 23 Feb 2020,10:53 AM IST

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