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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर में हालत जरूर सुधरेंगे. उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बातचीत के लिए हमारे दरवाजे ही नहीं, बल्कि रोशनदान भी खुले हैं.
कश्मीर घाटी में तनाव खत्म करने की कोशिश में लगे गृहमंत्री राजनाथ सिंह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कश्मीर पहुंचे हैं, जिनमें 20 दलों के 26 नेता शामिल हैं. इस प्रतिनिधिमंडल ने वहां के कई ग्रुपों के करीब 300 लोगों से मुलाकात की. इसके अलावा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ भी विस्तार से बातचीत हुई है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य हुर्रियत नेताओं से मिलने गए थे. हमने न तो स्वीकृति दी, न ही इनकार किया. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ हुर्रियत नेताओं का व्यवहार न तो ‘कश्मीरियत भरा’ है, न ही ‘इंसानियत जैसा’ है.
राजनाथ ने कहा बातचीत के लिए आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ दूरी बनाए रखना यह दिखाता है कि हुर्रियत के सदस्य लोकतंत्र में यकीन नहीं रखते.
दरअसल, प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शरद यादव, सीताराम येचुरी और डी. राजा जब अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के श्रीनगर में हैदरपोरा स्थित घर उनसे मिलने पहुंचे, तो उन्होंने दरवाजा तक खोलने से मना कर दिया था.
राजनाथ ने कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था और भारत का ही हिस्सा रहेगा.
कश्मीर घाटी में सोमवार को लगातार 58वें दिन भी बंद की स्थिति है. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
घाटी में रविवार को हुई हिंसक झड़पों में प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाकर्मियों सहित 200 से अधिक घायल हो गए थे.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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