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राज्यसभा 250वां सत्र: सबसे ज्यादा बार MP कौन बने? 67 साल का इतिहास

संसद के लिए एक ऐतिहासिक दिन. राज्यसभा में 250वां सत्र. सोमवार का दिन खास था.

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राज्यसभा 250वां सत्र: सबसे ज्यादा बार MP कौन बने? 67 साल का इतिहास
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राज्यसभा 250वां सत्र: सबसे ज्यादा बार MP कौन बने? 67 साल का इतिहास
(फोटो: द क्विंट)

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संसद के लिए एक ऐतिहासिक दिन. राज्यसभा में 250वां सत्र. 18 नवंबर 2019 का दिन खास था. इस खास मौके पर कई खास चीजें हुईं. पीएम मोदी ने अपने विरोधी दल की तारीफ की. बीजेपी से अलग हुई एक पार्टी ने एक दिवंगत बीजेपी नेता की तारीफ की. इन तमाम सालों में राज्यसभा की उपलब्धियों की जानकारी भी देश को दी गई... और सबकी नजर गई मार्शल पर... उनकी वर्दी जो बदल गई थी.

राज्यसभा में मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय नीले रंग की ‘पी-कैप’ दिखी. उन्होंने मिलिट्री जैसी वर्दी पहन रखी थी(फोटो: PTI)

250वें सत्र के शुरू होने के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया. उन्होंने सदन के 250 सत्र में योगदान देने वालों का अभिनंदन किया. इस मौके पर उन्होंने एनसीपी और बीजू जनता दल की भी तारीफ की. पीएम मोदी ने तारीफ करते हुए कहा कि इन दोनों ही दलों ने आपस में तय किया है कि चाहे कोई मु्द्दा हो, लेकिन वह हंगामा करने के लिए वेल (सदन के बीच का हिस्सा) में नहीं जाएंगे. हमें इन दोनों पार्टियों से सीखना चाहिए.

दिवंगत नेताओं को किया याद

इस ऐतिहासिक मौके पर सदन में दिवंगत नेता जगन्नाथ मिश्रा, अरुण जेटली, सुखदेव सिंह लिबड़ा, राम जेठमलानी और गुरुदास गुप्ता को याद किया गया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि उनका निधन एक पार्टी का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का नुकसान है.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में अरुण जेटली को याद करते हुए कहा, ‘’संघर्ष का दूसरा नाम अरुण जेटली थे और उनके हर संघर्ष में मैं उनके साथ रहा.’’

वहीं शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समेत तमाम विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को नोटिस देकर भारत में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने की मांग की.

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राज्यसभा के पिछले 67 साल का इतिहास

राज्यसभा के 250वें सत्र पूरे होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने 67 सालों के सफर पर आधारित किताब ‘‘राज्यसभा: द जर्नी सिन्स 1952’’ जारी की. इसमें आंकड़ों के माध्यम से राज्यसभा की कामयाबियों को दर्शाया गया है. राज्यसभा का गठन 1952 में हुआ था, संसद के इस उच्च सदन में 245 सदस्य होते हैं.

(ग्राफिक्स: Arnica Kala)
(ग्राफिक्स: Arnica Kala)

राज्यसभा में सबसे ज्यादा बार चुने गए सदस्य

कार्यकाल के लिहाज से बिहार से जेडीयू के राज्यसभा सदस्य डा महेंद्र प्रसाद, अब तक सर्वाधिक सात बार सदन के सदस्य चुने गए. उच्च सदन के लिए छह बार चुने गए सदस्यों में कांग्रेस के डॉ मनमोहन सिंह, डॉ नजमा हेपतुल्ला और रामजेठमलानी व पांच बार चुने गए सदस्यों में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, ए के एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी शामिल हैं.

(ग्राफिक्स: Arnica Kala)

राष्ट्रपति शासन के विस्तार पर राज्यसभा से मंजूरी

(ग्राफिक्स: Arnica Kala)

लोकसभा भंग होने के कारण अब तक दो बार राष्ट्रपति शासन के विस्तार को सिर्फ राज्यसभा से मंजूरी दी गयी. पहली बार 1977 में तमिलनाडु और नगालैंड में, इसके बाद 1991 में हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की अवधि को सिर्फ राज्यसभा की मंजूरी से आगे बढ़ाया गया.

इसी तरह किसी न्यायाधीश को पद से हटाने के प्रस्ताव को भी राज्यसभा में अब तक सिर्फ एक स्वीकार किया गया. राज्यसभा ने 18 अगस्त 2011 को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र सेन को पद से हटाने का प्रस्ताव स्वीकार किया था लेकिन लोकसभा में यह प्रस्ताव पेश होने से पहले ही उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था.

तीन सदस्यों के निष्कासन की हुई कार्रवाई

(ग्राफिक्स: Arnica Kala)

राज्यसभा के तीन सदस्यों के निष्कासन की अब तक कार्रवाई की गयी. पहली बार उच्च सदन ने 1976 में सुब्रह्मण्यम स्वामी को सदन की गरिमा के अनुरूप आचरण नहीं करने के मामले में निष्कासित करने का प्रस्ताव स्वीकार किया था. इसके बाद 2005 में डॉ छत्रपाल सिंह को पैसा लेकर सवाल पूछने के आरोप में और 2006 में साक्षी महाराज को सांसद निधि योजना में अनियमितता के आरोप में निष्कासित किया गया.

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Published: 18 Nov 2019,09:27 PM IST

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