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महाराष्ट्र की 7 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है लेकिन सातवीं सीट को लेकर महाविकास अघाड़ी सरकार में मतभेद देखने मिल रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से 3 सीट बीजेपी, 1 सीट पर शिवसेना और 1-1 सीट पर एनसीपी और कांग्रेस की जीत तय है लेकिन सातवीं सीट शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों के साथ आने पर ही जीती जा सकती हैं.
विधानसभा में बीजेपी के पास 105 विधायक है. शिवसेना- 56, NCP-54, कांग्रेस- 44. एक सांसद चुने जाने के लिए 37 वोट की जरूरत है.
शिवसेना का साफ तौर पर कहना है कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ शिवसेना के पास 63 विधायक है. इसलिए राज्यसभा की सातवीं सीट पर उनके उम्मीदवार को मौका मिलना चाहिए. वहीं एनसीपी का कहना है कि उनके शिवसेना से केवल २ विधायक कम है इसलिए केंद्र की राजनीति में मजबूत होने के लिए उन्हें सातवीं सीट मिले. जबकि कांग्रेस ने कहा है कि राज्य की सरकार में उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद भी नहीं दिया गया ऐसे में राज्यसभा की सीट को कम से कम उन्हें मिलनी चाहिए.
उधर पूर्व सांसद चंद्रकांत खेरे और शिवसेना नेता दिवाकर रावते भी राज्यसभा के लिए इच्छुक है. लेकिन शिवसेना के सूत्र बता रहे हैं कि शायद मराठी उद्योगपति दिलीप लाखे को शिवसेना आखिरी वक्त में अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है. दिलीप सीएम उद्धव ठाकरे से लाखे दो बार मुलाकात कर चुके हैं.
बीजेपी ने अपने तीनों उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए हैं. पहले ही बीजेपी रामदास अठावले और उदयन राजे भोंसले का नाम जारी कर चुकी थी. अब बीजेपी ने तीसरे उमीदवार के तौर पर भागवत कराड का नाम का ऐलान कर दिया है. भागवत कराड प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष है और वो मराठवाड़ा से आते है. खास बात ये है की औरंगाबाद महानगर पालिका चुनाव से पहले भागवत कराड को उम्मीदवारी देकर बीजेपी ने बड़ा दांव चला है. भागवत कराड औरंगाबाद से महापौर और उपमहापौर रह चुके हैं.
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