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मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के तीसरे दिन भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा जारी रहा. विपक्षी सांसदों ने पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus Snooping) से लेकर 22 जुलाई को कई मीडिया संस्थानों पर हुई आयकर रेड जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन किया. राज्यसभा में जैसे ही केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) पेगासस पर बोलने खड़े हुए, तृणमूल (TMC) सांसद शांतनु सेन (Shantanu Sen) ने उनके पेपर छीन कर फाड़ दिए.
राज्यसभा 22 जुलाई को तीन बार स्थगित हुई. अब सदन को 23 जुलाई तक स्थगित किया गया है. इससे पहले उच्च सदन को दोपहर 12 बजे और फिर सांसदों के नारेबाजी और प्लेकार्ड पकड़े हुए वेल तक पहुंचने के बाद 2 बजे तक स्थगन हुआ था.
राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने 22 जुलाई को सदन स्थगित करते हुए कहा, "सदस्य लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने में इच्छुक नहीं लगते हैं."
RJD सांसद मनोज झा ने आईटी मंत्री के रवैये को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. झा ने कहा, "जिस तरह आईटी मंत्री ने हंगामे के बीच बयान दिया, ऐसा लगता है कि सरकार सिर्फ मुद्दों का मखौल बनाना चाहती है."
आईटी मंत्री ने कहा कि पेगासस रिपोर्ट का मॉनसून सत्र से एक दिन पहले आना संयोग नहीं हो सकता. अश्विनी वैष्णव ने पेगसास प्रोजेक्ट को भारतीय लोकतंत्र और उसके संस्थानों को 'बदनाम' करने की कोशिश बताया है.
वैष्णव ने कहा, "एक वेब पोर्टल ने 18 जुलाई को एक बहुत सनसनीखेज स्टोरी छापी. इसमें कई आरोप लगाए गए. संसद सत्र से एक दिन पहले प्रेस रिपोर्ट का आना सिर्फ संयोग नहीं हो सकता."
लोकसभा में भी हंगामे की स्थिति बनी रही. निचला सदन भी तीन बार स्थगित हुआ. क्वेश्चन आवर सिर्फ 12 मिनट चल पाया और उसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया था.
विपक्षी सांसदों ने 22 जुलाई को दैनिक भास्कर के दफ्तरों पर हुई आयकर रेड का मुद्दा भी उठाने की कोशिश की.
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