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चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है. इस मुद्दे पर हम चर्चा नहीं करेंगे तो और किस बात को लेकर क्या चर्चा करेंगे?
ये बयान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjuna Kharge) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में वॉकआउट से पहले दिया. राज्यसभा में आज भी चीन सीमा पर बने हालातों को लेकर हंगामा हुआ, क्योंकि विपक्ष चीन के मुद्दे पर चर्चा चाहता था और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन में आते ही क्लियर कर दिया कि चीन पर चर्चा नहीं होगी. इससे विपक्ष बिफर गया और कई नेताओं ने तल्ख बयान दिये.
सुबह उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कई दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उन्होंने कहा कि नौ सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं. इनमें से कोई भी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं है. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने आठ दिसंबर को सदस्यों से कहा था कि कामकाज के निलंबन के लिए वह अपने नोटिस में आवश्यक नियम का उल्लेख करें लेकिन किसी भी नोटिस में नियम का कोई उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद 13, 15 और 16 दिसंबर को इसी प्रकार के नोटिस के जरिए कार्यस्थगन के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया गया जिससे करदाताओं के पैसे और सदन के कीमती समय की बर्बादी हुई.
मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान
चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है. इस मुद्दे पर हम चर्चा नहीं करेंगे तो और क्या चर्चा करेंगे? हम सदन में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है.
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों को नियम समझाए. इसपर नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाथ उठाकर ध्यान आकर्षित करना चाहा. जब सभापति ने अनुमति दी तो खड़गे ने कहा कि मैं काफी देर से चेयर का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा हूं. इसपर धनखड़ ने कहा कि आप बड़े अनुभवी सदस्य हैं, अपना स्तर बढ़ाएं.
पिछले सत्र में उनके द्वारा पूछे गए 10 प्रश्न हटा दिए गए और इस बार भी बगैर किसी कारण के तीन प्रश्न हटाए गए हैं. उन्होंने सभापति से इस मामले में संरक्षण का अनुरोध किया.
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने चीन के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया था. उनके अलावा कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी चीन न सीमा पर स्थिति की चर्चा के लिए नोटिस दिया था.
7 दिसंबर को जगदीप धनखड़ ने कहा था कि, सरकार के तीन अंगों को “लक्ष्मण रेखा” का सम्मान करना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक इतिहास में इस तरह की कोई मिसाल देखने को मिलती, जहां नियमबद्ध तरीके से किए गए संवैधानिक बिल को न्यायिक ढंग से खारिज किया गया हो. उन्होंने कहा कि एक संस्था द्वारा, दूसरे के क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ, शासन को असहज करने जैसी होती है.
आपको याद होगा जगदीप धनखड़ के स्वागत भाषण में आरएलडी के जयंत चौधरी ने कहा था कि आप किसानों का दर्द समझते हैं. इसके बाद जब लखीमपुर के किसानों का मुद्दा जयंत चौधरी राज्यसभा में उठा रहे थे तो बीजेपी के सांसद उन्हें बोलने नहीं दे रहे थे तब जगदीप धनखड़ ने बीच में सबको टोककर चुप कराया था.
राज्यसभा में विनियोग (संख्या 5) विधेयक पर चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने पूछा कि क्या सरकार ने हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग में यथास्थिति को पीछे छोड़ दिया है? उन्होंने सरकार से चीन के सीमावर्ती इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की जानकारी भी मांगी. चिदंबरम ने पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात का भी जिक्र किया और पूछा कि क्या दोनों नेताओं में सीमा के मसले पर कोई बात हुई थी. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप विषय से इतर जा रहे हैं. इसके बाद चिदंबरम और सभापति के बीच कुछ मिनट तक बहस चलती रही. इस दौरान विपक्षी सांसदों का हंगामा जारी रहा.
विपक्ष निचले स्तर की राजनीति कर रहा है. कई ऐसे संवेदनशील मुद्दे होते हैं, जिस पर UPA सरकार के दौरान भी चर्चा नहीं की जाती थी. उन्होंने कहा- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हमारी सेना को हतोत्साहित कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि चीन भारत की सीमा पर युद्ध की तैयारी कर रहा है और भारत सरकार सोई हुई है.
राज्यसभा में इस बार जमकर हंगामा हो रहा है. 15 दिसंबर को भी बिहार में जहरीली शराब और कई मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ था. इतना कि 40 मिनट के अंदर राज्यसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा. इससे पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी काफी हंगामा राज्यसभा में हुआ था.
इसी तरह आद भी राज्यसभा में जब चीन पर चर्चा के लिए विपक्ष ने मांग की तो सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, ये मांग नियमों के अनुरूप नहीं है. जिसके चलते समूचे विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया.
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