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केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन पिछले करीब 7 महीने से प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं. सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद पिछले कुछ महीनों से किसानों और सरकार के बीच कोई बात नहीं हुई है. इसीलिए अब किसानों ने प्रदर्शन को तेज करने और नई रणनीति तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत बीकेयू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करने जा रहे हैं.
खुद किसान नेता राकेश टिकैत ने इस बात की जानकारी दी है. पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मौजूद टिकैत ने कहा,
बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान राकेश टिकैत ने टीएमसी को अपना समर्थन दिया था. उन्होंने लोगों से बीजेपी उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की अपील की थी. जिसका कहीं न कहीं फायदा टीएमसी को हुआ. अब इस मुलाकात के दौरान टिकैत सीएम ममता बनर्जी को जीत की बधाई भी देंगे. साथ ही केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कोई रणनीति भी तय हो सकती है.
ममता और टिकैत की मुलाकात की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान भी सामने आया है. पिछले कई महीनों से किसानों के साथ बातचीत को लेकर चुप्पी साधे हुए तोमर ने कहा कि,
यानी कृषि मंत्री ने किसानों को एक बार फिर मैसेज दिया है कि केंद्र सरकार किसी भी हाल में कृषि कानूनों को रद्द करने वाली नहीं है. इसमें सिर्फ संशोधन किए जा सकते हैं.
बता दें कि किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनो को तुरंत रद्द कर दिया जाए. साथ ही एमएसपी को लेकर भी कानून बनाने की बात कही गई है. लेकिन सरकार ऐसा करने के मूड में नहीं दिख रही. लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक वो हर उन राज्यों में जाकर बीजेपी के खिलाफ वोट करने को कहेंगे, जहां चुनाव होने जा रहे हैं. अब पश्चिम बंगाल के बाद यूपी में अगले कुछ ही महीनों में चुनाव होंगे, अगर तब तक किसानों से बात नहीं बनती है तो ये बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है. खासतौर पर पश्चिमी यूपी में बीजेपी के लिए किसान नेता मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.
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