advertisement
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर करोड़ों के जमीन घोटाले का गंभीर आरोप लगाया गया है. समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी (AAP) इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं. इसी बीच ट्रस्ट और रामजन्म भूमि से जुड़े कई लोगों ने आरोपों को खारिज किया है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है, "जो राजनीतिक लोग इस पर प्रचार कर रहे, वो भ्रम फैला कर जनता को गुमराह कर रहे हैं."
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता पवन पांडेय ने आरोप लगाया है कि जिस जमीन का बैनामा 2 करोड़ में हुआ था, उसी दिन उस जमीन का एग्रीमेंट ट्रस्ट के साथ साढ़े 18 करोड़ में किया गया. आरोप है कि बैनामे और एग्रीमेंट के बीच का समय महज कुछ मिनटों का ही रहा.
इस पर चंपत राय ने कहा कि 'जो जमीन खरीदी गई वो खुले बाजार मूल्य से बहुत कम में खरीदी गई.'
राय ने कहा, "मंदिर का परकोटा और रिटेनिंग वाल के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए मंदिर के आसपास की जमीनों को खरीदा गया है."
रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि 'मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट किसी तरीके का घोटाला कर सकता है, ये संभव नहीं.' दास ने इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग उठाई.
सत्येंद्र दास ने कहा, "आरोप अगर गलत है तो आरोप लगाने वालों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए. ये रामलला का अपमान है."
श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट पर लगे आरोपों को लेकर अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने बयान जारी किया है. दास ने कहा कि मामले की उच्च-स्तरीय जांच होनी चाहिए और अगर कोई दोषी पाया जाए तो उस पर कठोर कार्रवाही होनी चाहिए.
महंत राजू दास ने कहा, "एक-एक पैसा दान वीरों ने रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए दिया है. राम लला के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)