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दिग्गज वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का 8 सितंबर की सुबह निधन हो गया. 95 साल के जेठमलानी ने दिल्ली स्थित अपने घर पर आखिरी सांस ली. बता दें कि जेठमलानी 18 साल की उम्र में ही वकील बन गए थे. इसके अलावा वह राजनेता भी रहे थे. उन्होंने अटल बिहारी सरकार में कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री की भूमिका निभाई थी.
जेठमलानी के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ''राम जेठमलानी के निधन के साथ ही भारत ने एक असाधारण वकील और जाना-माना पब्लिक फिगर खो दिया, जिसने कोर्ट और संसद दोनों में काफी योगदान दिया था. वह मजाकियाऔर साहसी थे. वह कभी भी किसी मुद्दे पर खुलकर बोलने में हिचकते नहीं थे.''
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ''पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज वकील राम जेठमलानी के निधन से दुखी हूं. वह अपनी खास वाकपटुता के साथ जनता से जुड़े मुद्दों पर विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे.''
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, ''पूर्व कानून मंत्री, कानूनी दिग्गज और भारत के उत्कृष्ट दिमागों में से एक राम जेठमलानी के निधन के बारे में जानकर काफी दुख हुआ.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जेठमलानी के निधन पर दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने जेठमलानी के परिवार के प्रति संवदेना व्यक्त की है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जेठमलानी के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है, ''राम जेठमलानी का निधन पूरी लीगल कम्युनिटी के लिए कभी पूरा ना होने वाला नुकसान है. कानूनी मामलों पर उनकी गहरी जानकारी के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति मैं संवेदना जताता हूं.''
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