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दिग्गज वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का रविवार 8 सितंबर को निधन हो गया. 95 साल के जेठमलानी ने दिल्ली स्थित अपने घर पर सुबह 7:45 बजे आखिरी सांस ली. वह पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे.
इस ब्लॉग में हम राम जेठमलानी के देहांत और अंतिम यात्रा से जुड़ा अपडेट दे रहे हैं.
मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का लोधी रोड श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर जेठमलानी के परिवार के सदस्य, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई राजीनतिक हस्तियां मौजूद रहीं. जेठमलानी के बेटे महेश ने उन्हें मुखाग्नि दी.
महान गायिका भारत रत्न लता मंगेश्कर ने ट्वीट कर राम जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राम जेठमलानी के आवास पर पहुंचे. पीएम मोदी ने स्वर्गीय जेठमलानी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद भी जेठमलानी के आवास पहुंचे और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी जेठमलानी के आवास पर जाकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. डॉ सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘श्री राम जेठमलानी के निधन पर गहरी संवेदनाएं. उनके निधन से भारत ने प्रतिष्ठित न्यायविद, सक्षम प्रशासक और अनुभवी सांसद को खो दिया है.’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेठमलानी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के बाद भारत के आपराधिक कानून को स्वरूप दिया था. केजरीवाल ने कहा कि उनका नाम भारतीय कानून के इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा.
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जब केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस किया था, तो शुरू में जेठमलानी ने ही केजरीवाल की ओर से कोर्ट में पैरवी की थी.
राम जेठमलानी के बेटे महेश ने बताया कि उनके पिता का अंतिम संस्कार 8 सितंबर की शाम लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा.
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जेठमलानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- “हमारी उम्र में बड़ा अंतर था, इसके बावजूद वो एक अच्छे दोस्त थे. मैं उन्हें कई सालों से जानता था. उनके जैसा जोरदार और जानदार शख्सियत की भरपाई करना आसान नहीं है.”
अविभाजित भारत में सिंध प्रांत के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को पैदा हुए राम जेठमलानी शुरू से ही लिखने-पढ़ने में तेज थे. उन्हें स्कूल में डबल प्रोमोशन मिले. मतलब एक साल में ही कई क्लास पास कीं. 17 साल की उम्र तक वे एससी शाहनी लॉ कॉलेज, कराची से कानून की डिग्री ले चुके थे.
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ''राम जेठमलानी के निधन के साथ ही भारत ने एक असाधारण वकील और जाना-माना पब्लिक फिगर खो दिया, जिसने कोर्ट और संसद दोनों में काफी योगदान दिया था. वह मजाकिया, साहसी थे और कभी किसी भी मुद्दे पर अपनी खुलकर बोलने में हिचकते नहीं थे.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जेठमलानी के आवास पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
वाजपेयी सरकार में थे कानून और शहरी विकास मंत्री
जेठमलानी 18 साल की उम्र में ही वकील बन गए थे. इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में जेठमलानी ने कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री की भूमिका निभाई थी.
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Published: 08 Sep 2019,11:18 AM IST