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कर्नाटक (Karnataka) के बीदर जिले (Bidar District) में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं (Right Wing Activist) के एक समूह ने 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक 17 साल के दलित लड़के (Dalit Boy) से कथित तौर पर मारपीट की और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. ये घटना उस दिन हुई जब अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का भव्य उद्धाटन किया गया.
यह घटना हुमनाबाद के एक हनुमान मंदिर में हुई है. हुमनाबाद पुलिस ने द क्विंट से इस घटना की पुष्टि की है.
दलित लड़के ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा, "जब मैं कॉलेज से वापस आ रहा था तो उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा कि मैंने भगवान राम और भगवान हनुमान का अपमान करने वाला स्टेटस पोस्ट किया है. जब मैंने उन्हें बताया कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्होंने मुझे पकड़ लिया और मुझे एक ऑटोरिक्शा के अंदर बैठा दिया."
FIR के मुताबिक, आरोपियों की पहचान अभिषेक, रितेश रेड्डी, सुनील रेड्डी और अभिषेक तेलंग के रूप में हुई है.
भारतीय दंड संहिता (IPC) की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें धारा 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरीके से रोकना), 504 (जानबूझकर अपमान), और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) शामिल है, साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संबंधित धाराएं शामिल हैं.
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के जश्न में एक जुलूस के दौरान 22 जनवरी की रात को कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के वादी कस्बे में दो समुदायों के बीच कथित तौर पर पथराव और झड़प हुई. इसके बाद इलाके में 25 जनवरी तक धारा 144 लागू कर दी गई. इसके ठीक एक रोज बाद बीदर में दलित छात्र के साथ यह घटना हुई है.
एक और मामला राज्य के गुलबर्गा जिले के कोटनूर गांव का है. यहां डॉ भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा को जूते से बनी माला से पहनाया गया. ये घटना भी 22 जनवरी की है.
इस वजह से कई दलित संगठनों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया. कलबुर्गी की पुलिस उपायुक्त (कानून-व्यवस्था) कनिका सिकरीवाल ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के इलाके का दौरा किया और बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.
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