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"हरियाणा सरकार, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को कोर्ट की अनुमति के बिना कोई और पैरोल नहीं देगी"
ये आदेश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बनाम हरियाणा राज्य और अन्य केस में सुनवाई के दौरान दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 10 मार्च को आत्मसमर्पण करने के बाद कोर्ट की अनुमति के बिना राज्य उसके पैरोल के मामले पर विचार नहीं करेगा. राम रहीम 3 साल में अलग-अलग समय पर 232 दिन पैरोल और फरलो पर जेल से बाहर रहा है. यहां हम विश्लेषण करेंगे कि राम रहीम को कब-कब पैरोल/फरलो मिली और उसके बाहर आने का चुनावी कनेक्शन क्या है?
पहले जानते हैं कि कोर्ट ने किस केस की सुनवाई के दौरान आदेश दिया.
केस का नाम शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बनाम हरियाणा राज्य और अन्य है. दरअसल, एक पैरोल के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने पिछले साल एक जनहित याचिका लगाई थी. उसी केस पर कोर्ट ने आदेश दिया. कोर्ट ने कहा,
राम रहीम को 2017 में पंचकूला की कोर्ट ने बलात्कार का दोषी ठहराया था. साल 2019 में हत्या की साजिश के मामले में दोषी ठहराया गया और साल 2021 में एक अन्य हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया. फिलहाल राम रहीम आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
राम रहीम को साल 2020 से लेकर 2024 तक कुल 9 बार पैरोल/फरलो मिली है.
3 साल में 232 दिन अलग-अलग समय में पैरोल और फरलो मिली है. साल 2023 में 91 दिन और साल 2022 में 91 दिन. इससे पहले 2021 में 1 और 2020 में 1 दिन जेल से बाहर रहा. इसे नीचे कार्ड के जरिए समझते हैं.
राम रहीम को सबसे ज्यादा दिनों की पैरोल 50 दिन की मिली है. लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले. राम रहीम 19 जनवरी 2024 को जेल से बाहर आया. 50 दिनों तक बाहर रहने के बाद 10 मार्च 2024 को शाम 5 बजे तक वापस सरेंडर करना है. इससे पहले दो बार 40-40 दिन की पैरोल मिली है. 15 अक्टूबर 2022 से 25 नवंबर 2022 और दूसरी बार 21 जनवरी 2023 से 30 मार्च 2023 तक. पैरोल के अलावा राम रहीम को दो बार फरलो भी मिली है. पहली फरलो 17 जून 2022 से 18 जुलाई 2022 तक 30 दिनों की मिली. दूसरी फरलो 21 नवंबर 2023 से 13 दिसंबर 2023 तक 21 दिनों की मिली.
जेल से बाहर आने पर अधिकतर बार राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में अपने बरनावा आश्रम में ही जाता है. उसको अपने सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के हेड क्वार्टर में रुकने की इजाजत नहीं है. इसलिए वह अपने बागपत के आश्रम में ही रुकता है.
सेंट एमएसजी नाम से एक यूट्यूब चैनल है. उसपर करीब 1.26 मिलियन फॉलोवर्स हैं. नाम के नीचे लिखा है, ऑफिशियल यूट्यूब चैनल ऑफ सेंट एमएसजी इंसान. चैनल पर 22 जनवरी 2024 को "जय जय सिया राम जय श्री राम, सारी दुनिया है तेरी संतान" नाम से एक वीडियो अपलोड किया गया. 19 जनवरी 2024 को राम रहीम जेल से बाहर आया और 3 दिन बाद अपना नया भजन रिलीज कर दिया.
इससे पहले 19 जनवरी 2024 को जेल से बाहर आने के बाद ही एक वीडियो जारी किया. 49 सेकंड के वीडियो में राम रहीम अपने अनुयायियों को संदेश देता दिखा कि आपने यूपी में नहीं आना है. जैसे सेवादार बताएंगे वहीं रहकर खुशिया मनानी है.
15 अक्टूबर 2022 को राम रहीम 40 दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर आया था. जब हरियाणा में हिसार के आदमपुर में उपचुनाव था. पैरोल के बाद राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम पहुंचा. इसके बाद आश्रम में सत्संग तो नहीं हुआ लेकिन राम रहीम ने वर्चुअली प्रवचन दिया. उसका वीडियो भी जारी किया गया. कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष रहे रणवीर गंगवार दिखे थे. उनके अलावा 19 अक्टूबर 2022 को हुए ऑनलाइन सत्संग में राम रहीम ने करनाल की मेयर रेणु गुप्ता ने वीडियो कॉलिंग के जरिए आशीर्वाद भी दिया था.
रेणु गुप्ता ने वीडियो कॉलिंग के जरिए कहा था कि पिता जी (राम रहीम) आपका आशीर्वाद बना रहे. आपके स्वच्छता संदेश से करनाल आगे बढ़ा है. आप करनाल के साथ अपना आशीर्वाद बनाए रखिए. हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद काफी विवाद हुआ था. कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा था.
बता दें कि हिसार के आदमपुर उपचुनाव में बीजेपी के भव्य बिश्नोई ने जीत हासिल की थी.
7 फरवरी 2022 को राम रहीम को 7 हफ्ते की फरलो मिली थी, तब पंजाब में विधानसभा चुनाव था. हरियाणा की सीमा से लगे पंजाब के मालवा क्षेत्र में राम रहीम के कुछ समर्थक हैं.
बागपत के स्थानीय पत्रकार पारस जैन के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले मिले 50 दिन के पैरोल में राम रहीम अपने बरनावा आश्रम में ही रहा. शायद ही कभी आश्रम से बाहर निकला.
द इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2014 में हरियाणा में बीजेपी के कैंपेन इंचार्ज रहे कैलाश विजयवर्गीय 90 में से 44 बीजेपी उम्मीदवारों को लेकर राम रहीम के पास आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे थे. बीबीसी की मई 2019 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2007 में पंजाब में राम रहीम ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. उसी साल डेरा सच्चा सौदा ने एक राजनीतिक विंग शुरू की थी, जिसका काम डेरे के लिए राजनीतिक फैसले लेना था.हालांकि अब ये राजनीतिक विंग कौन लोग चला रहे हैं इसके बारे में जानकारी नहीं है.
यानी कि सीधे तौर पर भले ही कोई राजनीतिक पार्टी न माने की राम रहीम उनके लिए वोटरों को प्रभावित करते रहे हैं या कर रहे हैं, लेकिन जेल जाने से पहले के कार्यक्रम और जेल से बाहर आने की तारीखें खुद ब खुद राजनीतिक कनेक्शन की कहानी बयां करती हैं.
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