Home News India दिल्ली में होगा अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट का ऑफिस, 10 बड़ी बातें
दिल्ली में होगा अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट का ऑफिस, 10 बड़ी बातें
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन
क्विंट हिंदी
भारत
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सांकेतिक तस्वीर
(फोटो: PTI)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को लोकसभा में अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया. बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस ट्रस्ट का गठन किया गया है.
चलिए इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातों पर एक नजर दौड़ाते हैं:
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर नवंबर 2019 के अपने फैसले में कहा था कि विवादित जमीन हिंदुओं को दी जाए, केंद्र 3 महीने के अंदर योजना बनाए और मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करे.
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष (सुन्नी वक्फ बोर्ड) को मस्जिद के लिए दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की 5 फरवरी को हुई बैठक में ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ट्रस्ट के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
पीएम मोदी ने 5 फरवरी को लोकसभा में कहा, ‘’मेरी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम से एक स्वायत्त ट्रस्ट का गठन किया है. अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहित 67.703 एकड़ भूमि नवगठित ट्रस्ट को हस्तांतरित की जाएगी.’’
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि इस ट्रस्ट का ऑफिस दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा. एक नोटिफिकेशन में बताया गया कि 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय- आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-एक, नई दिल्ली-110048 है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 5 फरवरी को ट्वीट कर बताया ‘‘ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिनमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.’’
शाह ने बताया कि यह ट्रस्ट मंदिर से संबंधित हर फैसला लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होगा और 67.703 एकड़ जमीन ट्रस्ट को ट्रांसफर की जाएगी
शाह ने कहा, ‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों से जारी इंतजार शीघ्र ही समाप्त होगा और वे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में उनके दर्शन कर पाएंगे.’’
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, 5 फरवरी को अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित कर दी
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए दी गई यह जमीन धन्नीपुर गांव में स्थित है
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