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Ramvilas Paswan की मूर्ति का अनावरण करते हुए मां से गले लग रोए बेटे चिराग पासवान

Ramvilas Paswan Birth Anniversary: प्रतिमा रामविलास पासवान के कार्यक्षेत्र हाजीपुर में लगाई गयी है

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<div class="paragraphs"><p>Ramvilas Paswan की मूर्ति का अनावरण करते हुए मां से गले लग रोए बेटे चिराग पासवान</p></div>
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Ramvilas Paswan की मूर्ति का अनावरण करते हुए मां से गले लग रोए बेटे चिराग पासवान

(फोटो- पीटीआई)

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सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनकी मां रीना पासवान ने रोते-रोते हुए रामविलास पासवान की आदमकद प्रतिमा (Statue of Ramvilas Paswan) का अनावरण किया. यह प्रतिमा रामविलास पासवान के कार्यक्षेत्र हाजीपुर में लगाई गयी है.

बताते चलें कि आज रामविलास पासवान की जयंती है और इस जयंती के अवसर पर बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति कुमार पारस द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. पशुपति कुमार पारस ने पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में श्रद्धांजलि दी है.

वहीं चिराग पासवान ने हाजीपुर में रामविलास पासवान की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया है. इस अनावरण समारोह में चिराग पासवान और उनकी मां रीना पासवान के साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी समेत जिले के कई विधायक और प्रदेश के अलग-अलग दलों के नेता मौजूद थे. चिराग पासवान रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के दौरान फूट-फूटकर रोते नजर आए.

रामविलास पासवान: राजनीति का मौसम विशेषज्ञ

रामविलास पासवान बिहार और देश की राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक थे. रामविलास पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रहे. वे बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. वह 9 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा सांसद रहे.

रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम विशेषज्ञ कहा जाता था.

1969 में राजनीति में आने से पहले रामविलास पासवान को बिहार पुलिस में डीएसपी के रूप में चुना गया था. 1969 में वह एक रिजर्व्ड सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में 1969 में बिहार राज्य विधान सभा के लिए चुने गए. 1974 में वे लोक दल के महासचिव बने.

1975 में, 21 महीने के आपातकाल के दौरान, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आपातकाल हटने तक वे जेल में रहे.

1977 में अपनी रिहाई के बाद, उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उस समय उन्होंने सबसे अधिक अंतर से चुनाव जीतने का विश्व रिकॉर्ड बनाया था. 1980 और 1984 में, वह हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए.

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