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रिजर्व बैंक और सरकार में कई दिनों से जारी तनातनी के बीच सोमवार को RBI के डायरेक्टर बोर्ड की मैराथन बैठक हुई. करीब 9 घंटे चली इस बैठक में फैसला लिया गया है कि सरकार को आरबीआई रिजर्व से पैसे देने पर रिव्यू के लिए कमेटी बनेगी और बाजार में लिक्विडिटी यानी पैसे का फ्लो बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
इस मामले में अबतक क्या-क्या हुआ?
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बताया जा रहा है कि इस बैठक में कई मुद्दों जैसे केंद्रीय बैंक को कितनी पूंजी की जरूरत है, MSME को कर्ज देने और कमजोर बैंको के नियमों पर बातचीत हुई. लगभग नौ घंटे तक चली बैठक के बारे में हालांकि, आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है. बोर्ड ने रिजर्व बैंक को MSME के लिए 25 करोड़ रुपये के लोन का भी सुझाव दिया.
बोर्ड की अगली मीटिंग 14 दिसंबर को होगी. फिलहाल, एक कमेटी बनाई जाएगी जो ये रिव्यू करेगी कि RBI के सरप्लस को सरकार को कैसे दिया जा सके.
रिजर्व बैंक की बोर्ड मीटिंग करीब 9 घंटे चली. इसमें खास तौर पर RBI के रिजर्व से सरकार को पैसे देने और लिक्विडिटी बढ़ाने पर चर्चा हुई
उधर मीटिंग चल रही है, इधर आरएसएस से जुड़ी संस्था स्वदेशी जागरण मंच के अश्विनी महाजन का कहना है कि रिजर्व बैंक गवर्नर अगर सरकार के साथ तालमेल बिठाकर काम नहीं कर सकते तो उन्हें पद से हट जाना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरबीआई बोर्ड की बैठक को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, ‘पीएम मोदी और उनके सहयोगी लगातार देश के संस्थानों को नष्ट करने में लगे हुए हैं. आज फिर आरबीआई बोर्ड की मीटिंग में आरबीआई को नष्ट करने की कोशिश की जाएगी. मुझे उम्मीद है कि आरबीआई गवर्नर उर्जिल पटेल और उनकी टीम ऐसा नहीं होने देगी.’
सूत्रों के अनुसार, अगर इस बैठक में सहमति नहीं भी बन पाई तो अगले कुछ सप्ताह में त्वरित सुधारात्मक कदम पर सहमति बन जाएगी. इसके तहत कुछ बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस रूपरेखा ढांचे के दायरे से बाहर आ सकते हैं. फिलहाल 21 सार्वजनिक बैंकों में से 11 बैंक पीसीए के दायरे में हैं, जिससे उन पर नये कर्ज देने को लेकर कड़ी शर्तें लागू हैं. इन बैंकों में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, आरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के प्रावधानों को लेकर गवर्नर पटेल के साथ में चार डिप्टी गवर्नर संयुक्त पक्ष रखेंगे और इन्हें कुछ स्वतंत्र निदेशकों का समर्थन मिलने का भी अनुमान है. वित्त मंत्रालय द्वारा नामित सदस्यों समेत कुछ स्वतंत्र निदेशक पटेल पर निशाना साध सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार, निदेशक मंडल की बैठक पूर्व निर्धारित होती है तथा बैठक का एजेंडा भी काफी पहले तय कर लिया जाता है. हालांकि, अध्यक्ष की अनुमति से निदेशक मंडल के सदस्य तय एजेंडे से इतर अन्य मुद्दे भी उठा सकते हैं.
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल में 18 सदस्य हैं. हालांकि, इसमें सदस्यों की संख्या 21 तक रखने का प्रावधान है. सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और चार अन्य डिप्टी गवर्नर पूर्णकालिक आधिकारिक निदेशक हैं. इनके अलावा अन्य शेष 13 सदस्य सरकार द्वारा नामित हैं. सरकार द्वारा नामित सदस्यों में वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक बैंकों में त्वरित सुधारात्मक उपायों (पीसीए) की रूपरेखा और MSME क्षेत्र को कर्ज देने के प्रावधानों में ढील को लेकर आपसी सहमति से किसी समाधान पर पहुंचने के पक्ष में हैं.