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आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांता दास ने आरबीआई के 25वें गवर्नर का कार्यभार संभाल लिया है. बुधवार को पद संभालने के बाद नए गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पत्रकारों के कई सवालों के जवाब दिए.
शक्तिकांता मई 2017 तक मोदी सरकार में आर्थिक मामलों के पूर्व सेक्रेटरी रहे हैं. नोटबंदी के ऐलान के वक्त आर्थिक मामलों के सेक्रेटरी थे. 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS हैं.
शक्तिकांता दास ने आरबीआई गवर्नर का पद संभालने के बाद मीडिया को पहली बार संबोधित किया. उन्होंने कहा, बुधवार को मुंबई बेस्ड बैंकों के चेयरमैन और सीईओ से मिलेंगे. उसके बाद दूसरे शहरों में हेडक्वार्टर वाले बैंक चेयरमैन से मुलाकात करेंगे. नए गवर्नर ने उर्जित पटेल को शुभकामनाएं भी दी.
शक्तिकांता दास ने कहा, “मैं इस पर जाना नहीं चाहूंगा, हम सभी स्टेकहोल्डर से बात करेंगे. सरकार सिर्फ स्टेकहोल्डर ही नहीं है. बल्कि जो सरकार है वही इकनॉमी चला रही है. मेरा मानना है कि चर्चा से सभी विवाद वाले मुद्दों का हल निकाला जा सकता है. हम बातचीत करेंगे.”
बैंकों के साथ चर्चा करने के सवाल पर शक्तिकांता बोले कि बैंकों के साथ बैंकिंग सेक्टर की तमाम बातों पर चर्चा होगी, लेकिन अभी कोई स्पेशल एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा, “आरबीआई और सरकार के बीच के मुद्दों में नहीं जाना चाहता, लेकिन हर संस्थान को अपनी स्वायत्तता को बनाए रखना होता है और जवाबदेही निभानी होती है.”
क्या सरकारी बैंकों से पाबंदी हटाने पर विचार करेंगे?
लाइफ इतनी सिंपल नहीं है, जैसे जैसे आगे बढ़ेंगे चुनौतियों से निपटेंगे
क्या रिजर्व बैंक की ऑटोनॉमी बरकरार है?
मैं रिजर्व बैंक की ऑटोनॉमी और भरोसे को बरकरार रखने के लिए काम करूंगा. ऑटोनॉमी और क्रेडिबिलिटी में कोई कमी नहीं आई है.
क्या डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी इस्तीफा दे दिया है?
डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य रिजर्व बैंक के साथ हैं और बने हुए हैं.
शक्तिकांता दास ने कहा, “मैं राजनीतिक बहस में नहीं पड़ूंगा. मैं सरकार में रहा हूं, इसका मतलब ये नहीं कि रिजर्व बैंक की ऑटोनॉमी और विश्वसनीयता की फिक्र नहीं है.”
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