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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी ANI को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC), जामिया में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता और डिटेंशन सेंटर जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की. मीडिया में इस इंटरव्यू के आने के बाद ट्विटर पर अमित शाह का नाम ट्रेंड करने लगा. यूजर्स अपने-अपने नजरिए से उनके इस इंटरव्यू पर राय जाहिर करने लगे.
AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दो दिन पहले अमित शाह द्वारा संसद में एक बयान के वीडियो का हवाला देते हुए लिखा- "हैलो @AmitShah, क्या आप हमें बता सकते हैं कि क्या वाकई ये आप हैं, अगर ये चर्चा वाकई राष्ट्रव्यापी NRC के बारे में है और अगर ये संसद है?"
लॉयर और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया - "NPR साफ तौर से 2003 के नागरिकता नियमों के तहत NRIC का आधार है. सिर्फ 2 दिन पहले मोदी ने चिल्लाते हुए कहा कि फिलहाल NRC के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है और आज उनके कैबिनेट ने NPR को मंजूरी दे दी है जो NRC के लिए आधार है! झूठे और धोखेबाज!"
मशहूर युट्यूबर ध्रुव राठी ने ट्वीट कर कहा- "आज, अमित शाह ने कहा कि NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है.' लेकिन राज्यसभा में मोदी सरकार ने खुद कहा था कि NPR, NRC के लिए पहला कदम है.
एक यूजर ने साल 2003 में गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन का लिंक शेयर करते हुए लिखा - "हमें यह बताने के लिए अमित शाह की जरूरत नहीं है कि NPR से NRC का कोई संबंध है या नहीं. यह 2003 में वाजपेयी सरकार की ओर से जारी नियमों में मौजूद है.
एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा - अमित शाह की वापसी. "NPR का NRC से कोई लेना-देना नहीं है". जैसे मोदी ने कहा कि कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है.
एक अन्य यूजर ने लिखा - इंटरव्यू के लिए अमित शाह को धन्यवाद. अब पूरा देश NPR और NRC से इसके ताल्लुक के बारे में जानता है.
देखें वीडियो - NRC Vs NPR: पीएम मोदी के बयान पर सफाई देते-देते उलझा गए शाह
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 3,941.35 करोड़ रुपये की राशि मंजूर किये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी एनपीआर के नाम पर लोगों को ‘बेवकूफ बनाने और धोखा देने’ की कोशिश कर रही है क्योंकि यह एनआरसी की दिशा में पहला कदम है.
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘बीजेपी लोगों को धोखा दे रही है. एनपीआर पर मंत्रिमंडल का फैसला लिया गया है और राशि मंजूर की गयी है. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, राष्ट्रीय नागरिक पंजी की दिशा में पहला कदम है’’
उन्होंने अपनी बात और साफ करते हुए कहा कि बीजेपी लोगों को बेवकूफ बना रही है क्योंकि एनपीआर जनगणना के साथ लाया जाएगा. इससे मासूम लोग भ्रमित हो जाएंगे और सोचेंगे कि यह जनगणनना है न कि एनआरसी की दिशा में पहला कदम.
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