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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2017-18 पेश कर दिया, हालांकि विपक्षी दलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का यह बजट प्रभावित करने में नाकाम रहा. तमाम विपक्षी दलों ने आम बजट 2017-18 की आलोचना करते हुए इसे दिशाहीन बताया है.
आइए जानते हैं आम बजट को लेकर किसने क्या कहा :
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया.
"हम तो आतिशबाजी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उसकी जगह हमें एक फुस्स बम मिला है. बजट में दूरदर्शिता की कमी है. सरकार ने नोटबंदी के जरिए आम जनता को जो दर्द दिया था, उसके बाद उम्मीद थी कि गरीबों, किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ करेगी, लेकिन इसमें कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है."
राहुल ने कहा, "वित्तमंत्री का काम रोजगार बढ़ाना, किसानों की परेशानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक विस्तृत खाका पेश करना है. लेकिन उन्होंने इन बुनियादी बातों पर कुछ नहीं कहा. मोदी ने बुलेट ट्रेन शुरू करने की बात की थी. क्या वह शुरू हुई?"
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह बजट हताशापूर्ण है और इसमें कुछ भी नहीं है.
उन्होंने सांसद ई. अहमद के निधन के दिन संसद में बजट पेश किए जाने की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का 'जुड़वां भाई' करार देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ट्रंप की तरह मनमानी कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी.
"एक बहुत ही विवादास्पद बजट जो दिशाहीन, बेकार, आधारहीन, मिशनरहित और कार्रवाईविहीन, हृदयहीन है. अपनी विश्वसनीयता खो चुकी सरकार के इस बजट में देश के लिए कोई योजना नहीं है. करदाताओं के लिए अभी भी बैंकों से पैसे की निकासी पर प्रतिबंध हैं. इन प्रतिबंधों को तुरंत हटाएं."
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बजट से उम्मीद थी पर ऐसी कोई बात सामने नहीं आई.
"बजट से काफी निराशा हुई है. बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है. इसमें कोई ठोस बात नहीं की गई है. सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. किसानों से जो वादे किए थे, उन पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़े."
समाजवादी पार्टी की नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने कहा- मैं बजट से संतुष्ट नहीं हूं.
"मैं बजट से संतुष्ट नहीं हूं. यह दिशाहीन है और इसमें देश में बदलाव लाने के लिए दूरदर्शिता की कमी है. इस सरकार ने देश के किसानों, युवाओं और खास तौर से महिलाओं की अनदेखी की है. उनके लिए बजट में कुछ भी नहीं है."
जनता दल युनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि यह ‘गरीब विरोधी और किसान विरोधी’ है.
"बजट में किसानों, बेरोजगार युवकों और नोटबंदी की योजना के बारे में बातें हैं. इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. यह युवाओं के लिए रोजगार सृजन के बारे में भी कुछ नहीं कहता है."
उन्होंने कहा, "भाजपा ने युवाओं के लिए दो करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात कही थी. कहां हैं वे नौकरियां?"
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